मुंबई: शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीएमसी चुनावों को अपनी पार्टी के लिए अग्निपरीक्षा करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं बल्कि शिवसेना (यूबीटी) की ताकत और अस्तित्व की भी परीक्षा है। ठाकरे ने अपने शाखा प्रमुखों की बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी कार्यकर्ता और नेता 227 वार्डों में पूरी ताकत से तैयारी करें और कोई भी वार्ड नजरअंदाज न किया जाए। बैठक में उद्धव ठाकरे ने साफ किया कि जो पूर्व पार्षद शिंदे गुट में चले गए थे और अब वापसी करना चाहते हैं, उन्हें टिकट देने की कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी के हित को देखते हुए ही टिकट वितरण किया जाएगा और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को महत्व नहीं दिया जाएगा।
क्या एमएनएस के साथ होगा गठबंधन
ठाकरे ने बताया कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के साथ बातचीत चल रही है और समय आने पर गठबंधन पर औपचारिक घोषणा की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, एमएनएस करीब 90 से 95 सीटों की मांग कर रही है, लेकिन सीट-टू-सीट बातचीत के बाद यह संख्या व्यावहारिक रूप से तय की जाएगी। शिवसेना (यूबीटी) के एक पदाधिकारी ने कहा कि उद्धवजी ने सभी को तैयारी शुरू करने को कहा है। उन्होंने यह चुनाव अग्निपरीक्षा बताया है और कहा कि किसी भी हालत में बीएमसी में शिवसेना (यूबीटी) का महापौर बैठना चाहिए। गठबंधन की घोषणा समय आने पर होगी, लेकिन अभी हर वार्ड में तैयारी शुरू करनी होगी।
पूर्व पार्षदों की वापसी की चर्चा
बीएमसी के कई पूर्व पार्षद, जिन्होंने पहले शिंदे गुट का साथ दिया था, अब उद्धव कैंप में लौटने की इच्छा जता रहे हैं। हालांकि, उद्धव ठाकरे ने इस पर सख्त रुख अपनाया है और कहा है कि टिकट देने का कोई वादा नहीं किया जाएगा। पूर्व शिवसेना (यूबीटी) पार्षद सुरेश पाटिल ने कहा कि मराठी लोग चाहते हैं कि शिवसेना और एमएनएस में गठबंधन हो। अगर यह हुआ तो महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। हमने उद्धवजी से यही आग्रह किया है, अब अंतिम फैसला वे ही लेंगे