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    निकाय चुनाव में राज ठाकरे से गठबंधन पर उद्धव का बड़ा संकेत: “जनता जो चाहेगी वही होगा”

    महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचाने वाला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच संभावित गठबंधन को लेकर एक बार फिर चर्चाएं तेज हो गई हैं. शुक्रवार को शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विधायकों और सांसदों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने मनसे के साथ गठबंधन पर चर्चा करते हुए सभी नेताओं को जमीनी स्तर पर स्थानीय माहौल का जायजा लेने का निर्देश दिया.

    बैठक के दौरान उद्धव ठाकरे ने साफ किया कि गठबंधन को लेकर अंतिम निर्णय अभी नहीं हुआ है, लेकिन पार्टी को हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि, गठबंधन हो या नहीं, हमें अकेले लड़ने के लिए भी पूरी तरह तैयार रहना चाहिए. यह बयान ऐसे समय आया है जब महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित साथ आने की अटकलें लगाई जा रही थीं.

    गठबंधन पर फील्ड रिपोर्ट की मांग

    बैठक में उद्धव ठाकरे ने विधायकों और सांसदों से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं की राय लें कि मनसे के साथ गठबंधन पर उनकी क्या सोच है. उन्होंने यह भी कहा कि केवल राजनीतिक लाभ को देखकर नहीं, बल्कि मराठी अस्मिता और सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा. ठाकरे ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की जल्दबाजी नहीं की जाएगी और सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार किया जाएगा.

    अकेले लड़ने की रणनीति भी तैयार

    उद्धव ठाकरे ने कहा, “गठबंधन की चर्चा अपने स्थान पर है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यदि हम अकेले चुनाव लड़ते हैं तो हमारी रणनीति क्या होगी. इसलिए पार्टी को पूरी ताकत के साथ अकेले भी चुनाव लड़ने की तैयारियां करनी होंगी. उन्होंने पार्टी नेताओं से आगामी मानसून सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति बनाने और मुंबई महानगरपालिका चुनावों को प्राथमिकता देने की भी बात कही.

    शिवसेना नेता अंबादास दानवे ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए बताया कि यह संगठनात्मक बैठक शिवसेना की सालगिरह के अवसर पर रखी गई थी. उन्होंने कहा कि, विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने वाला है और पार्टी ने इसकी तैयारियां कर ली हैं. बैठक में विधायक और सांसद मौजूद थे और सभी को संगठन को मजबूत करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए.

    गठबंधन की चर्चा कैसे शुरू हुई?

    राजनीतिक गलियारों में मनसे-शिवसेना गठबंधन की चर्चा उस वक्त तेज हुई जब प्रसिद्ध अभिनेता महेश मांजरेकर ने राज ठाकरे का एक इंटरव्यू लिया. इस दौरान जब उनसे शिवसेना के साथ गठबंधन की संभावना के बारे में पूछा गया तो राज ठाकरे ने कहा था, मुझे साथ आना मुश्किल नहीं लगता. हमारे झगड़े महाराष्ट्र की जनता के मुद्दों के सामने छोटे हैं. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने भी सकारात्मक रुख दिखाते हुए कहा, मुझे छोटे-मोटे विवादों को किनारे रखने में कोई हर्ज नहीं है. जो महाराष्ट्र की जनता चाहेगी वही होगा.

    इन बयानों के बाद से दोनों पार्टियों के बीच संभावित गठबंधन की चर्चाओं को बल मिला है. कुछ मौकों पर दोनों पक्षों के नेताओं के बीच अनौपचारिक बैठकें भी हुई हैं, लेकिन अब तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है.

    हालांकि दोनों ही पक्षों की ओर से सार्वजनिक रूप से सकारात्मक संकेत दिए जा रहे हैं, लेकिन उद्धव ठाकरे की बैठक और उसमें दिए गए संदेश से यह स्पष्ट है कि शिवसेना (उद्धव गुट) गठबंधन के विकल्प के साथ-साथ अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति भी बना रही है और इसे लेकर महाराष्ट्र की सियासत में जमकर कयास लग रहे हैं.

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