More
    Homeराजस्थानजयपुरधौलपुर में वसुंधरा राजे की रामकथा, बयान ने बढ़ाई सियासी हलचल

    धौलपुर में वसुंधरा राजे की रामकथा, बयान ने बढ़ाई सियासी हलचल

    धौलपुर : राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सुर्खियों में हैं। धौलपुर में रामकथा के दौरान उन्होंने धार्मिक अंदाज में संबोधित करते हुए कहा कि वनवास केवल भगवान राम के जीवन का हिस्सा नहीं है, बल्कि हर इंसान के जीवन का भी हिस्सा है। राजे ने कहा कि जीवन में चाहे सुख हो या दुख, कुछ भी स्थायी नहीं होता। जिस तरह वनवास आता है, उसी तरह चला भी जाता है, इसलिए धैर्य और विश्वास के साथ हर परिस्थिति का सामना करना चाहिए।

    उन्होंने भगवान राम की सीख का उल्लेख करते हुए कहा कि रामराज्य का मूल मंत्र है- सभी जाति, धर्म और वर्ग के लोग मिलकर साथ रहें। परिवार और समाज को एकजुट करके आगे बढ़ाना ही रामराज्य की भावना है। राजे ने यह भी कहा कि डर तभी लगता है जब इंसान जान-बूझकर गलत करता है। यदि जीवन में धर्म और वेद विज्ञान को अपनाया जाए तो भय समाप्त हो जाता है।

    हालांकि वसुंधरा राजे ने यह बयान धार्मिक कथा के संदर्भ में दिया था लेकिन उनके इस भाषण के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि मौजूदा हालात में लंबे समय से राजस्थान की राजनीति में सक्रिय रहते हुए वसुंधरा पार्टी और प्रदेश संगठन के भीतर उतार-चढ़ाव का सामना करती रही हैं। ऐसे में उनके वनवास वाले कथन को राजनीतिक वनवास से भी जोड़ा जा रहा है। राजे का यह धार्मिक बयान धार्मिक मंच से उठकर राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।

    latest articles

    explore more

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here