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    अंबाजी सेवा कैंपों में फिल्मी गानों पर नृत्य का वीडियो वायरल, योगी देवनाथ ने कार्रवाई की मांग की

    अहमदाबाद: उत्तर प्रदेश और बिहार में अक्सर धार्मिक कार्यक्रमों में फिल्मी गानों पर अश्लील डांस के वीडियो वायरल होते हैं लेकिन गुजरात में भी ऐसे ही दो मामले सामने आए हैं। जहां धार्मिक कार्यक्रम के दौरान फिल्मों गानों पर महिला डांसर को बुलाकर नृत्य करवाया गया। इन मामलों में सामने आने के गुजरात के याेगी कहे जाने वाले महंत योगी देवनाथ बापू ने गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। दरअसल गुजरात के बनासकांठा में स्थित शक्तिपीठ आद्यशक्ति मां जगदंबा की बहुत ज्यादा मान्यता है। हर साल भादवा अंबाजी मेला भाद्रपद माह की पूर्णिमा (भादरवी पूनम) के आस-पास आयोजित होता है। इसी मेले के सेवा कैंप में फिल्मी गानों पर डांस की घटना सामने आई हैं।

    दो कैंपों में फिल्मी डांस पर बवाल
    भादवा अंबाजी मेला आमतौर पर अगस्त-सितंबर में आता है। इस साल यह मेला 1 सितंबर से 7 सितंबर तक चला था। जिसमें 7 सितंबर को मुख्य पूनम का दिन था। इस दौरान मां जगदंबा के भक्तों की भारी भीड़ अंबाजी पहुंचती है। सरकार ने इस बड़े आयोजन के महातैयारियों की थीं लेकिन यूपी-बिहार की तर्ज पर सेवा कैंपों में अश्लील डांस पर विवाद खड़ा हो गया है। इस मेले के दौरान मां जगदंबा के भक्त सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा करके अंबाजी पहुंचते हैं और अपनी मन्नत मांगते हैं। भादरवी पूनम का हिन्दू संस्कृति में बड़ा महत्व है।

    आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
    सोशल मीडिया पर आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही है। यह भी सवाल खड़ा हो रहा है गुजरात सरकार के पर्यटन विभाग के सांस्कृतिक विंग के अधिकारी क्या कर रहे हैं? सोशल मीडिया पर पोस्ट किए वीडियो में लिखा गया है ये गुजरात है? एक घटना पाटन जिले की बताई जा रहा है जहां पर वक्त बर्बाद न बेकार की बातें में कीजिए गाने पर डांस हुआ तो वहीं दूसरी घटना हारिज में हुई। यहां पर मुन्नी बदनाम हुई गाने पर खूब डांस हुआ।

    कलेक्टर को करनी पड़ी अपील
    एक तरफ से जहां योगी देवनाथ ने कार्रवाई की मांग की है तो वहीं दूसरी बनासकांठा के कलेक्टर मिहिर पटेल ने भी इन घटनाओं पर संज्ञान लिया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसे कार्यक्रमों से बचा जाना चाहिए। धार्मिक कार्यक्रमों के लिए यह ठीक नहीं है। पटेल ने बयान में कहा कि ध्यान रखें की कि अगले साल ऐसा नहीं नहीं हो। पटेल ने कहा है कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों और नृत्य में बहुत थोड़ा सा फर्क है। ऐसे में अगले साल मंदिर ट्रस्ट पर कोई लांछन न लगे इसका ध्यान रखें।

    सोशल मीडिया पर कार्रवाई की मांग
    सोशल मीडिया पर इन मामलों को लेकर कार्रवाई की मांग उठ रही है। एक एक्स पोस्ट में कहा गया है कि अब गुजरात में यह संस्कृति? एक ओर, लोग आदिशक्ति की भक्ति के लिए पैदल अंबाजी पहुंचते हैं, रास्ते में जगह-जगह उनका अभिवादन करते हैं, उनकी सेवा करते हैं, यह सब निस्वार्थ सेवा भावना से देखा जाता है। अगर ऐसा होने लगा, तो परंपरा का पतन निश्चित है। अंबाजी भादरवी मेले के कैंप में यह घटना ऐसे वक्त पर सामने आई जब गुजरात के अंकलेश्वर के मीरानगर स्थित गणेश पंडाल में भोजपुरी गाने में ठुमके लगवाए गए. इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी गई। तब आयोजकों ने माफी मांग ली थी।

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