चंडीगढ़। आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोपित शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को विजिलेंस की टीम हिमाचल प्रदेश के शिमला के पास मशोबरा क्षेत्र में लेकर गई। विजिलेंस सूत्रों के मुताबिक इस मामले में ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह, पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोउपाध्याय के बयानों से कई अहम जानकारियां मिली थी जिस के बाद इस मामले की जांच आगे बढ़नी शुरू हुई।
उधर सोमवार को इस मामले में बिट्टू औलख और जगजीत सिंह चाहल मोहाली स्थित विजिलेंस मुख्यालय में अपने बयान दर्ज करवाने के लिए पहुंचे। दोनों ने करीब दो घंटे तक विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारियों को अपने बयान दिए। इन दोनों पर ड्रग्स तस्करी व मजीठिया के करीबी होने के आरोप लगे है। इस मामले में विजिलेंस की ओर से अर्जुन अवार्डी बर्खास्त डीएसपी जगदीश सिंह भोला से भी पूछताछ की जाएगी। बयान दर्ज करवाने के बाद बिट्टू औलख और जगजीत सिंह चाहल ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम पहले भी इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते रहे है। दोनों ने कहा कि अगर जांच में हम दोषी पाए जाते है तो हमें फांसी पर लटा दो। हम बिना किसी कसूर के जेलों में रह कर आए। हम ने नशे से कोई पैसा नहीं कमाया। चाहल, औलख ने कहा कि विजिलेंस को किसी भी तरह के सहयोग की जरूरत है हम देंगे।
उधर विजिलेंस सूत्रों के मुताबिक मजीठिया को मशोबरा के अलावा बद्दी भी लेकर जाया गया। आरोपित को यूपी ले जाने की तैयारी भी विजिलेंस अधिकारियों की ओर से की जा रही है। इस मामले में बीते रविवार को बौनी अजनाला और मजीठिया के पूर्व पीए तलबीर सिंह गिल ने अपने बयान दर्ज करवाए थे। इस मामले में शामिल अन्य आराेपितों को विजिलेंस पूछताछ के लिए एक एक कर के बुला रही है। मजीठिया को अदालत ने सात दिन के रिमांड पर भेज रखा है।बुधवार को मजीठिया को फिर से जिला अदालत में पेश किया जाएगा। हालांकि शिअद इस पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बता रहा है।