जब बात आस्था और भरोसे की हो, तो उत्तराखंड की धरती पर मौजूद हर मंदिर अपनी अलग पहचान रखता है. लेकिन बागेश्वर जिले में स्थित बाबा बागनाथ मंदिर (Baghnath Mandir) एक ऐसा धार्मिक स्थान है, जहां सावन के महीने में शादीशुदा जोड़े विशेष रूप से दर्शन करने पहुंचते हैं. माना जाता है कि यहां सच्चे मन से पूजा करने से दांपत्य जीवन में प्रेम, सुख और संतान सुख की प्राप्ति होती है.
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और सरयू, गोमती और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है. यह संगम धार्मिक रूप से बहुत पवित्र माना जाता है. मान्यता है कि इसी स्थान पर भगवान शिव खुद प्रकट हुए थे. इसलिए इसे सिद्धपीठ के रूप में भी पूजा जाता है.
सावन में विशेष पूजा से मिलता है फल
बागेश्वर के स्थानीय आचार्य कैलाश उपाध्याय के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है. इस दौरान बाबा बागनाथ मंदिर में सुबह से शाम तक जलाभिषेक, बेलपत्र अर्पण और रुद्राभिषेक जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं. शादीशुदा जोड़े यहां शिवलिंग पर दूध और पंचामृत चढ़ाकर शिव-पार्वती की तरह सुखमय जीवन की कामना करते हैं. ऐसा माना जाता है कि जो भी दंपती संतान सुख के लिए सच्चे मन से बाबा बागनाथ की पूजा करता है, उसकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं.
आस्था के साथ जुड़ी लोक परंपराएं भी
श्रद्धालु विरेन्द्र सिंह बताते हैं कि बाबा बागनाथ केवल भगवान शिव के रूप में पूजे नहीं जाते, बल्कि उन्हें स्थानीय लोगों का रक्षक देवता भी माना जाता है. सावन के दौरान मंदिर में सिर्फ पूजा ही नहीं होती, बल्कि सांस्कृतिक झांकियों, लोकगीतों और पारंपरिक मेलों का भी आयोजन किया जाता है.
हर साल सावन में उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली जैसे राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए रहने, खाने और पूजा की व्यवस्था मंदिर समिति और प्रशासन की तरफ से अच्छे से की जाती है.
एक बार जरूर करें बाबा बागनाथ मंदिर
बाबा बागनाथ मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, प्रेम और विश्वास का प्रतीक बन चुका है. यहां आकर लोग न सिर्फ मानसिक शांति महसूस करते हैं, बल्कि वैवाहिक जीवन की परेशानियों से राहत भी मिलती है.
अगर आप भी अपने जीवनसाथी के साथ रिश्ते में और अधिक मधुरता, स्थिरता और संतान सुख की इच्छा रखते हैं, तो इस सावन एक बार बागेश्वर के बाबा बागनाथ मंदिर के दर्शन जरूर करें. यह स्थान आपको न केवल धार्मिक ऊर्जा से भर देगा, बल्कि आपके रिश्ते में भी नया उजाला ला सकता है.