क्या नगर पालिका अधिकारियों का ठेकेदारों और कर्मचारियों पर नरम रुख बढ़ा रहा भ्रष्टाचार ?

नगर पालिका
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किशनगढ़ बास नगर पालिका में सफाई, सड़क निर्माण और जल निकासी व्यवस्था को लेकर लगातार लापरवाही सामने आ रही है। करोड़ों के बजट के बावजूद अधिकारी ठेकेदार और कर्मचारियों पर कोई सख्ती नहीं कर रहे। शहर गंदगी से जूझ रहा है, पार्षद नाराज़ हैं और जनता परेशान।

 

किशनगढ़ बास। शहर में सफाई कराने के लिए नगर पालिका के पास रूपया है, सफाई करने के लिए कर्मचारी है, पर्याप्त संसाधन है। इसके बाद भी ऐसा क्यों हो रहा है कि पार्षदों से लेकर हर कोई शहर में सफाई से दुखी हैं। क्या ठेकेदार ओर सफाई मॉनिटरिंग में लगे कर्मचारियों से काम कराने की इच्छा शक्ति अधिकारियों के पास नहीं है या फिर अधिकारी कोई दबाव में इच्छा शक्ति को काम लेना नहीं चाहते हैं।
शहर को अच्छा सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए अधिकारी नगर पालिका में बेठकर करोड़ों का प्लान बनाकर टैंडर तैयार करते हैं नियम और शर्तें निर्धारित कर कार्य करने वाली ऐजेन्सियों को टेंडर देते है। लेकिन प्लान तैयार करने से लेकर टेंडर दिए जाने की प्रकिया के बाद अधिकारियों को ऐसा कौन सा सांप सूंघ जाता है कि बाद में वह घ्यान नहीं देते। यहां तक कि शिकायत को भी नजर अंदाज कर देते हैं।
2 साल पहले बारिश से होने वाले बाजार में एवं कालोनी तथा गली मोहल्लों में जल भराव से निजात दिलाने के करीब 45 लाख रुपए जोहड़ व खाई की सफाई व गहरी करने पर ठेकेदार को भुगतान किया गया। ना तो नगर पालिका की शर्त के मुताबिक सफाई हुई और ना ही जोहड़ व खाई को गहरा किया खूब शिकायत की गई पर सुनवाई नहीं की।
करोड़ों रूपए शहर में स्ट्रीट रोड लाइट लगाने पर एवं मरम्मत पर खर्च किए जा रहे हैं परन्तु शहर की लाईट गारंटी में खराब हो रही है पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। शहर की नियमित सफाई पर प्रति साल करीब 2 करोड़ रूपया नगर पालिका ठेकेदार को भुगतान कर रही है इसके बाद भी सफाई को लेकर लोग आवाज उठाते आ रहे हैं।
करीब 2 साल पहले गंज रोड़ की ओम शांति कॉलोनी में नगर पालिका ने लगभग 20 लाख रुपए की सीसी सड़क बनाई, 10 दिन में सड़क से रोड़ी निकलकर बाहर आ गई। पार्षद की शिकायत के बाद नगर पालिका ने सड़क का भुगतान कर दिया। पार्षद अब तक सड़क को ठीक कराने के लिए अधिकारियों से शिकायत कर रही पर अधिकारी है कि ध्यान ही नहीं दे रहे हैं।
अब बारिश शुरू हो चुकी है बारिश को ध्यान में रखते हुए शहर में नगर पालिका करीब 25 लाख रुपए का बजट पास करके नालों की सफाई करा रही है। सफाई को महज नगर पालिका की खानापूर्ति बताया जा रहा है। नालों की सफाई कर गंदगी को दुकानों व घरों के आगे सड़क पर डाला जा रहा कई कई रोज तक गंदगी को उठाया नहीं जा रहा है। गंदगी से उठ रही बदबू से लोगों का सड़क पर निकलना मुश्किल हो रहा है। आवागमन में लोगों परेशानी उठानी पड़ रही है। पार्षद शिकायत कर रहे लेकिन उनकी शिकायत को अधिकारी नजर अंदाज कर रहे। आखिर अधिकारी ठेकेदार व नगर पालिका कर्मचारियों पर क्यों इतना नरम रुख रखें हुए। यह सवाल अब तो पार्षद भी पुछने लगें हैं।

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