पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का क्यों झलका दर्द और उन्होंने भाजपा के नव नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को क्या दी नसीहत

नई दिल्ली। पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे लंबे समय बाद पार्टी के सार्वजनिक कार्यक्रम में मंच पर अन्य नेताओं के साथ दिखाई दी। हालांकि मंच पर भाषण के दौरान वसुंधरा राजे का पार्टी में अलग— थलग करने का दर्द भी झलका। उन्होंने कहा कि उतार-चढ़ाव का दूसरा नाम ही राजनीति है और हर व्यक्ति को इस दौर से गुजरना पड़ता है। इतना ही नहीं वसुंधरा राजे ने कहा कि संगठन में सबको साथ लेकर चलना आसान काम नहीं है। इसमें कुछ लोग सफल को कई विफल भी हो जाते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शनिवार को जयपुर में भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के कार्यभार ग्रहण करने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि राजनीति में व्यक्ति के सामने तीन चीजें आती हैं, पद, मद और कद। पद और मद स्थाई नहीं होते, लेकिन कद स्थाई होता है।

मद आने पर छोटा हो जाता है कद

Former Chief Minister Vasundhara Rajeवैसे भी उनकी नजर में सबसे बड़ा पद जनता की चाहत, जनता का प्यार और जनता का विश्वास होता है। उन्होंने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास नारे का जिक्र करते हुए कहा कि मदन राठौड़ इस नारे को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। वह सबको साथ लेकर चलेंगे। मुझे विश्वास है इस वे अपने दायित्व को पूरी लगन से करेंगे।

इमानदार कार्यकर्ता को सौंपा दायित्व

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मदन राठौड़ जैसे संगठन के कर्मठ, समर्पित, सेवाभावी, संस्कारी, निष्ठावान और ईमानदार कार्यकर्ता को राजस्थान में भाजपा की कमान सौंपी है।

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