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    अतिवृष्टि से फसल खराब, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधायकों के साथ विधानसभा तक किया विरोध प्रदर्शन

    जयपुर में अतिवृष्टि से हुई फसल खराबी पर कांग्रेस ने विधानसभा में विरोध किया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ट्रैक्टर से पहुंचे और किसानों को मुआवजा देने की मांग उठाई।

    मिशनसच न्यूज, जयपुर।
    राजस्थान विधानसभा सत्र में बुधवार को उस समय माहौल गर्मा गया जब कांग्रेस विधायकों ने अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों और प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ट्रैक्टर चलाकर साथी विधायकों के साथ विधानसभा पहुंचे और सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।

    सूत्रों के अनुसार, बुधवार सुबह नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली अपने समर्थक विधायकों के साथ ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा की ओर रवाना हुए। जैसे ही वे विधानसभा के पश्चिम द्वार पर पहुंचे, सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। लेकिन जूली और उनके साथी नहीं रुके और पैदल मार्च करते हुए विधानसभा परिसर तक पहुंचे। इस दौरान उनके हाथों में खराब हुई फसलें थीं, जिनको लेकर उन्होंने सरकार से सवाल पूछे।

    किसानों को मुआवजा देने की मांग

    टीकाराम जूली ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अतिवृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। कई जिलों में सोयाबीन, मक्का, मूंगफली और धान जैसी खरीफ फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। किसान कर्ज के बोझ तले दबे हैं और आत्महत्या जैसे कदम उठाने की स्थिति में आ गए हैं।

    जूली ने कहा – “राज्य सरकार को तुरंत सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देना चाहिए। केवल दिखावटी घोषणाओं से किसानों का भला नहीं होगा। जिन किसानों की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है, उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी अधिक मुआवजा दिया जाना चाहिए।”

    उन्होंने यह भी कहा कि केवल किसान ही नहीं बल्कि भारी बारिश और अतिवृष्टि से आमजन का भी भारी नुकसान हुआ है। कई घर जमींदोज हो गए, सड़कें बह गईं और पुलिया टूट गईं। जूली ने मांग की कि सरकार ऐसे सभी प्रभावित परिवारों को भी उचित मुआवजा दे।

    विधानसभा में गरमाया माहौल

    जब कांग्रेस विधायकों ने इस मुद्दे को सदन में उठाया तो माहौल गरमा गया। विपक्ष ने नारेबाजी की और सरकार को किसान विरोधी करार दिया। कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर संवेदनहीन है और केवल राजनीतिक बयानबाजी में व्यस्त है।

    नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा कि सत्ता पक्ष किसानों की पीड़ा को गंभीरता से नहीं ले रहा। उन्होंने कहा कि – “सरकार केवल कागजी कार्यवाही कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई राहत नहीं पहुंची है। अगर यही स्थिति रही तो हम आंदोलन को और तेज करेंगे।”

    किसानों का दर्द बना राजनीति का मुद्दा

    राजस्थान में लगातार हो रही भारी बारिश और अतिवृष्टि से बड़े पैमाने पर किसानों की फसलें चौपट हो चुकी हैं। सरकार ने दावा किया है कि सर्वे टीमें भेजी गई हैं और जल्द ही नुकसान का आकलन किया जाएगा। लेकिन विपक्ष का आरोप है कि किसानों को न तो कोई राहत राशि मिली है और न ही बीमा कंपनियां सही तरीके से क्लेम दे रही हैं।

    टीकाराम जूली के इस विरोध प्रदर्शन को किसानों का समर्थन भी मिल रहा है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने सरकार से सवाल पूछे हैं कि आखिर कब तक किसानों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए इंतजार करना पड़ेगा।

    नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का यह प्रदर्शन विधानसभा में सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर गया है। अब देखना होगा कि सरकार किसानों को लेकर क्या ठोस कदम उठाती है। फिलहाल विपक्ष ने साफ कर दिया है कि जब तक प्रभावित किसानों को मुआवजा नहीं मिलता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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