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    अलवर: ऑटो टिपर की ऊंचाई से महिलाओं को हो रही परेशानी, पुराने टायरों पर भी उठाए सवाल

    अजय अग्रवाल
    अजय अग्रवाल
    अलवर में स्वच्छता अभियान : ऑटो टिपर की ऊंचाई को लेकर अजय अग्रवाल की चिंता
    मिशन सच न्यूज ।  अलवर। नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान के तहत लगाए गए नए ऑटो टिपर की ऊंचाई और खराब व्यवस्था को लेकर परिषद के पूर्व सभापति  अजय अग्रवाल ने नगर प्रशासन को कई गंभीर मुद्दों से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि “नए ऑटो टिपर की ऊंचाई लगभग 5 फीट 10 इंच (70 इंच) है, जबकि अधिकतर महिलाएं, जो घरों से कचरा डालने आती हैं, उनकी औसत लंबाई 60-62 इंच ही होती है। ऐसे में वे सीधे कचरा डाल ही नहीं सकतीं।”
     कचरा डालने में आ रही है दिक्कत
    अग्रवाल ने बताया कि वे पहले भी आयुक्त महोदय को इस विषय में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब जब उन्होंने ऑटो टिपर की असल ऊंचाई दिखाई, तो स्पष्ट हुआ कि यह आम नागरिकों के लिए व्यवहारिक नहीं है। उन्होंने कलेक्टर  और केंद्रीय मंत्री  भूपेंद्र यादव  को भी इस समस्या से अवगत कराया।
     ऑटो टिपर में पुराने टायर, 9 लाख की गाड़ी में घटिया व्यवस्था
    उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि “9 लाख रुपये मूल्य के नए ऑटो टिपर में पुराने, घिसे हुए टायर लगाए गए हैं, जो कि चौंकाने वाली बात है।” उन्होंने प्रशासन से तत्काल इस मुद्दे की जांच करने और सभी टायरों को बदलवाने की मांग की। अग्रवाल ने यह भी सुझाव दिया कि अगर नगर निगम वाकई में सफल कचरा प्रबंधन और स्वच्छता रैंकिंग बढ़ाना चाहता है, तो प्रत्येक ऑटो टिपर के साथ एक सफाईकर्मी भी नियुक्त किया जाना चाहिए। “केवल ड्राइवर से काम नहीं चलेगा, अगर वाकई हर घर से गीला-सूखा कचरा अलग-अलग लेना है, तो एक अतिरिक्त कर्मचारी की जरूरत है,” उन्होंने कहा।
     वार्ड संख्या 7 में 500 से अधिक मकान, एक ही टिपर से नहीं होगा काम
    अजय अग्रवाल ने बताया कि जो नया टिपर भेजा गया है वह वार्ड 7 और 8 दोनों के लिए है, जबकि सिर्फ वार्ड 7 में ही 500 से अधिक आवास हैं। “10 घंटे में तो एक वार्ड ही पूरा नहीं होगा, दोनों कैसे संभालेगा?” उन्होंने सवाल उठाया।
     प्रशासन से सहयोग की अपील
    उन्होंने कहा कि “हम नगर निगम के साथ मिलकर कार्य करना चाहते हैं, लेकिन प्रशासन को भी सहयोग करना होगा। यदि नागरिक, जनप्रतिनिधि और प्रशासन साथ मिलकर काम करें तो स्वच्छ अलवर मिशन को सफल बनाया जा सकता है।” उन्होंने कलेक्टर महोदया से विशेष सहयोग की भी अपील की।
     अजय अग्रवाल द्वारा उठाए गए ये बिंदु सिर्फ आलोचना नहीं बल्कि एक सार्थक सुझावों की श्रृंखला हैं, जिन्हें अगर नगर निगम गंभीरता से ले, तो अलवर को एक स्वच्छ और व्यवस्थित शहर बनाया जा सकता है।

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