भोपाल: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहर और कस्बाई क्षेत्रों में गीता भवन बनाने की घोषणा की है. इस दिशा में अब सरकार ने भी काम शुरू कर दिया है. प्रदेश का पहला गीता भवन बनाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए राजधानी में स्थान भी चिन्हित कर लिया गया है. भोपाल में बनने वाला यह गीता भवन प्रदेश का पहला इस प्रकार का भवन होगा. इसके बाद प्रदेश के अन्य नगरीय निकायों में गीता भवन बनाए जाएंगे.

कैबिनेट में मिल चुकी है मंजूरी
मध्य प्रदेश के पहले गीता भवन के लिए नगर निगम भोपाल ने अरेरा हिल्स पर जगह चिन्हित कर ली है. अब भूमि आवंटन के लिए नगर निगम एमपी शासन को प्रस्ताव भेजने जा रहा है. लगभग 3 एकड़ एरिया में बनने वाले इस भवन को कैबिनेट से मंजूरी मिली थी. निगम के अधिकारियों ने बताया कि यह भवन पीपीपी मोड पर बनेगा. ऐसे में निगम, इस्कॉन और दूसरे ट्रस्टों से संपर्क कर रहा है.
प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में बनेगा भवन
नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आयुक्त संकेत भोंडवे ने बताया कि "प्रदेश की सभी 413 नगरीय निकाय में गीता भवन बनाए जाने हैं. इसका प्रस्ताव नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने तैयार किया है. इस योजना के तहत 5 साल में प्रदेश के सभी 413 नगरीय निकाय में गीता भवनों की स्थापना की जाएगी.
यह योजना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप, हाइब्रिड एन्युटी मॉडल या सेवा शुल्क मॉडल के तहत लागू किया जाएगा. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट पर अगले 5 सालों में राज्य सरकार करीब 1351 करोड़ से 2875 करोड़ रुपए तक खर्च करेगी."
भोपाल में 2500 की क्षमता वाला गीता भवन
बता दें कि 5 लाख की जनसंख्या वाले शहरों में 1500 और 5 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में 1 हजार की क्षमता वाले ऑडिटोरियम बनाए जाएंगे, लेकिन एक मात्र भोपाल में इसकी क्षमता ढाई हजार होगी. नगर निगम के मुताबिक गीता भवन को धार्मिक ग्रंथ, साहित्यिक पुस्तकों के साथ सर्व सुलभ वैचारिक अध्ययन केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा. यह गीता भवन सांस्कृतिक, साहित्यिक और सामाजिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में विकसित होंगे.
धार्मिक ग्रंथ के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें
अधिकारियों ने बताया कि गीता भवन में धार्मिक ग्रंथों के अलावा लाइब्रेरी पुस्तकें और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए बुक भी होगी. यह भवन धार्मिक, सांस्कृतिक और शादी-पार्टी के लिए भी किराये पर उपलब्ध हो सकेगा, ताकि इसके मेंटेनेंस का खर्च निकाला जा सके. इसका संचालन पूरी तरह से पीपीपी मोड पर किया जाएगा.


