एनजीटी ने पुरानी पाइपलाइने बदलकर लाखों लीटर पानी की बर्बादी रोकने के दिए निर्देश

भोपाल। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेन्ट्रल जोनल बैंच भोपाल के न्यायमूर्ति शिव कुमार सिंह एवं विशेषज्ञ सदस्य डॉ. अफरोज अहमद की बैंच ने भीलवाड़ा शहर में पेयजल की बड़े पैमाने पर हो रही बर्बादी के संबंध में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के कार्यकारी अभियंता को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
एनजीटी ने यह निर्देश पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू की अधिवक्ता दीक्षा चतुर्वेदी के मार्फत दायर जनहित याचिका पर दिये। जाजू ने याचिका में बताया कि पीएचईडी द्वारा अनेक स्थानों पर 50 वर्ष पूर्व पेयजल हेतु डाली गई पाइपलाइने क्षतिग्रस्त होकर जंग लग चुकी है और इन पाईपलाईनों से प्रतिदिन अनुमानित 50 लाख लीटर पेयजल फिजूल बहकर बर्बाद हो रहा है। शहर में दो दर्जन से अधिक स्थान पानी के निरंतर रिसाव के कारण स्थिर जल जमाव वाले क्षेत्र बन गये हैं। जाजू ने बताया कि जितना पानी फिजूल बहकर बर्बाद हो रहा है इतने पानी से वंचित कॉलोनीवासियों को पेयजल उपलब्ध करवाया जा सकता है।
एनजीटी ने पीएचईडी भीलवाड़ा के कार्यकारी अभियंता को व्यक्तिगत रूप से प्रभावित स्थलों का दौरा कर जल के अपव्यय को रोकने हेतु तत्काल कार्रवाई कर पाइपलाइनों की मरम्मत एवं नये पाईपलाईन डालने और पालना रिपोर्ट एनजीटी में प्रस्तुत करने के आदेश के साथ ही मामले को निस्तारित किया है।

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