
दशलक्षण पर्व के नवें दिन हुआ उत्तम आकिंचन्य के तहत कर्म पर दिए प्रवचन
अलवर। दिगम्बर जैन धर्मावलम्बियों के पावन दशलक्षण पर्व के नवें दिन आज शहर के विभिन्न दिगम्बर जैन मंदिरों में उत्तम आकिंचन्य धर्म का पूजन हुआ। इस अवसर पर प्रवचन देते हुए दिगम्बर जैन संत विज्ञानन्द महाराज ने कहा कि इंसान जब जन्म लेता है तो खाली हाथ आता है और मृत्यु के समय भी सब कुछ यही छोड़कर चला जाता है।
उन्होंने कहा – “हम आए थे तो केवल अपने कर्म लेकर आए थे और जाते समय भी सिर्फ कर्म ही साथ जाएंगे। धन-दौलत, मकान, संपत्ति और यहां तक कि शरीर भी हमारा नहीं है। ‘मैं’ और ‘मेरा’ का त्याग ही आकिंचन्य धर्म है।”
महाराज ने समझाया कि इंसान चाहे जितनी भी संपत्ति अर्जित कर ले, लेकिन अंततः वह अकेला ही रहता है और अकेला ही संसार से विदा होता है। यही भाव अनासक्ति और त्याग का प्रतीक है।
अंतिम दिन होगा ब्रह्मचर्य धर्म का पूजन
पर्व का समापन 6 सितम्बर को अनन्त चतुर्दशी पर होगा। इस दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा की जाएगी। पूरे दिन दिगम्बर जैन मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रम, कलशाभिषेक और भक्ति संगीतमय विधान होंगे।
जैन समाज के अधिकांश लोग इस दिन उपवास रखते हैं और परंपरा अनुसार प्रतिष्ठान भी बंद रहते हैं।
वासुपूज्य भगवान का मोक्ष कल्याणक दिवस
जैन धर्मावलम्बी 12वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य का मोक्ष कल्याणक दिवस भी 6 सितम्बर को मनाएंगे।
अलवर स्थित अपना घर शालीमार के श्री दिगम्बर जैन वासुपूज्य मंदिर में इस अवसर पर महामस्तकाभिषेक और निर्वाण लाडू चढ़ाने का कार्यक्रम होगा। मंदिर कमेटी के मंत्री मुकेश जैन ने बताया कि दिनभर जिनेन्द्र भक्ति के विविध आयोजन होंगे।
बूचडख़ाने व मांस की दुकानें रहेंगी बंद
दशलक्षण पर्व के अंतिम दिन 6 सितम्बर को अलवर में बूचडख़ाने और मांस-मछली की दुकानें बंद रहेंगी।
समाजसेवी खिल्लीमल जैन ने नगर निगम प्रशासन से मांग की है कि आदेश की पालना सुनिश्चित की जाए और नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई हो।
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