जयपुर। राजस्थान विधानसभा में हंगामे का दौर मंगलवार को भी जारी रहा। कांग्रेस विधायकों ने विधायक मुकेश भाकर को सदन से बाहर किए जाने के विरोध में नारेबाजी की। कांग्रेस विधायक भाकर के निलम्बन के खिलाफ सोमवार को दिन में विधानसभा में हंगामा और रात को धरने के बाद मंगलवार को भी कांग्रेस विधायकों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। इसके चलते करीब पौने बारह बजे सदन की कार्यवाही को आधा घंटे के लिए स्थगित किया गया। इसके बाद भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने मुकेश भाकर को 6 महीने के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। जिसे स्पीकर ने मंजूर कर लिया और सदन की कार्यवाही अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दी।
मुकेश भाकर ने कहा निर्णय असंवैधानिक
कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर ने निलंबन पर कहा कि असंवैधानिक निर्णय स्पीकर ने भाजपा के दबाव में लिया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष जब कानून मंत्री ने अपने बेटे को गलत तरीके से नियुक्ति देने का मामला उठाया। इस पर विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने मंत्री से जबाव दिलवाने की मांग की। स्पीकर ने पहले सीट पर जाने, िफर लिखित में देने की बात कही। स्पीकर ने बाद में परीक्षण करके कल समय देने की बात कही। इतना ही नहीं नेता प्रतिपक्ष के बोलने के दौरान भाजपा नेता बीच में खड़े होकर बोलने लगे।
स्पीकर पहले से ही तय करके आए थे
विधायक मुकेश भाकर ने कहा कि मैंने सिर्फ यह कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष बोल रहे हैं तो दूसरे सदस्य को बोलने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा जब सत्तापक्ष के नेता बोलते हैं तो विपक्ष सुनता है। इस पर भाजपा के सभी सदस्य खड़े हो गए और स्पीकर को यह पता नहीं था। भाजपा सदस्य पहले से ही यह तय करके आए थे।
भाजपा सरकार पूरी तरह से हुई फेल
कांग्रेस विधायक भाकर ने कहा कि विधानसभा में पूरी तरह से भाजपा सरकार फेल रही है। सत्तापक्ष के बचाव की जिम्मेदारी स्पीकर पर आ गई है। स्पीकर पहले से बार-बार ये कह रहे थे कि विश्वविद्यालय से आए छात्र नेता सुधर जाओ, तुम्हें सस्पेंड कर दूंगा। बिना वोटिंग जल्दबाजी में सस्पेंशन हुआ। मार्शलों ने हमारी महिला विधायकों, बुजुर्ग विधायकों के साथ गलत बर्ताव किया।
जल्दबाजी में किया असंवैधानिक निर्णय
विधायक मुकेश भाकर ने कहा कि जब भी कोई प्रस्ताव आता है तो पहले स्पीकर वोटिंग करवाता है। बाद में निलम्बन होता है। उन्होंने कहा कि स्पीकर ने जल्दबाजी में असंवैधानिक निर्णय किया। पूरी पार्टी एकजुट है आगे के आंदोलन के लिए हम रणनीति बनाएंगे।
सचेतक ने कहा— भाकर को खुद चले जाना चाहिए था
विधानसभा में मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने मुकेश भाकर को छह महीने के लिए सस्पेंड करने का प्रस्ताव रखा। गर्ग ने कहा कि भाकर को 5 अगस्त को निलंबित करने के बाद सदन से चले जाना चाहिए था। उन्होंने स्पीकर के आदेशों की अवहेलना की। मार्शल बुलाए तो उन्होंने सुरक्षाकर्मियों का हाथ पर काट लिया। उनमें एक महिला सुरक्षाकर्मी थी।