किशनगढ़ बास में गणेश चतुर्थी पर्व पर मंदिरों और बाजारों में गणपति उत्सव की धूम। श्री गजानंद ग्रुप के आयोजन, शोभायात्रा, भंडारा और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं से पूरा नगर भक्तिमय।
मिशनसच न्यूज, किशनगढ़ बास । किशनगढ़ बास में गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर मंदिरों, घरों और बाजारों में गणपति बप्पा का स्वागत श्रद्धा और भक्ति भाव से किया गया। मुख्य बाजार घंटाघर चौक पर इस बार पहली बार गणपति उत्सव का आयोजन श्री गजानंद ग्रुप की ओर से बड़े धूमधाम से किया गया। जैसे ही गणेश प्रतिमा की स्थापना की गई, पूरा बाजार “गणपति बप्पा मोरया” के जयघोष से गूंज उठा और वातावरण भक्तिमय हो गया।
श्री गजानंद ग्रुप का विशेष आयोजन
आयोजन के संचालक मदनलाल अग्रवाल ने जानकारी दी कि बुधवार को गणेश जी की नगर परिक्रमा और कलश यात्रा निकालकर प्रतिमा स्थापना की गई। इसके बाद गणपति को लड्डुओं का भोग लगाकर महा आरती की गई। गणेश प्रतिमा की स्थापना पंडित श्यामसुंदर मिश्रा के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चारण और धार्मिक विधि विधान के साथ की गई।
पूरे उत्सव के दौरान प्रतिदिन प्रातः 9:15 बजे और शाम 7:15 बजे महा आरती का आयोजन किया जाएगा। इससे भक्तों को प्रतिदिन भगवान गणेश के दर्शन और पूजा का अवसर मिलेगा।
विशेष धार्मिक कार्यक्रम और भंडारा
1 सितंबर को सुबह 10:30 बजे हवन और विशेष महा आरती का आयोजन होगा। इसके बाद दोपहर 12:15 बजे से विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
2 सितंबर को गणेश प्रतिमा का विधिवत विसर्जन किया जाएगा। विसर्जन कार्यक्रम के तहत सुबह 9:15 बजे पूजा-अर्चना और शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। प्रतिमा का विसर्जन अलवर स्थित नटनी का बारा पर किया जाएगा और उसके बाद भर्तृहरि धाम जाकर कार्यक्रम का समापन होगा।
गणेश महोत्सव में समाज की भागीदारी
आयोजन के दौरान सिंघी समाज के मुखी गोकुल चंद, व्यापार महासंघ अध्यक्ष परमानंद लखयाणी, सरपंच जनेश भूटानी, विनय गोयल सहित अनेक व्यापारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस अवसर पर सभी ने गणपति उत्सव को सामाजिक एकता और धार्मिक समर्पण का प्रतीक बताया।
प्राचीन गंगा मंदिर में भी धूमधाम
पुराना बाजार स्थित प्राचीन गंगा मंदिर में भी गणेश चतुर्थी का आयोजन बड़े उत्साह से किया गया। मंदिर के पुजारी नुरेश वशिष्ठ ने बताया कि गणेश जी की नगर परिक्रमा सुबह बड़े धूमधाम से निकाली गई। यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं कलश लेकर शामिल हुईं, जिससे धार्मिक माहौल और भी भव्य हो गया।
प्रतियोगिताओं से बढ़ेगा उत्सव का आकर्षण
नुरेश वशिष्ठ ने आगे बताया कि 28 से 31 अगस्त तक गणेश उत्सव के तहत देवी-देवता स्वरूप प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा 1 से 5 सितंबर तक एकल नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन होगा। प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को उपहार प्रदान किए जाएंगे और विजेताओं को विशेष पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। इन कार्यक्रमों से बच्चों और युवाओं में धार्मिक एवं सांस्कृतिक जुड़ाव बढ़ेगा।
धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
गणेश चतुर्थी न केवल धार्मिक पर्व है बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। इस अवसर पर विभिन्न समाजों और समुदायों ने एक साथ मिलकर आयोजन में भाग लिया। गणेश उत्सव से श्रद्धालुओं में भक्ति, उत्साह और सामाजिक सद्भाव की भावना और मजबूत हुई है।
किशनगढ़ बास में आयोजित यह गणपति महोत्सव पूरे क्षेत्र के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। प्रतिदिन आयोजित होने वाली आरती, भंडारा, शोभायात्रा और प्रतियोगिताओं के चलते गणेश चतुर्थी का यह पर्व आने वाले दिनों तक पूरे नगर में भक्ति और आनंद का माहौल बनाए रखेगा।