किसान महापंचायत ने अजमेर जिले की कार्यकारिणी गठन का अधिकार जिला अध्यक्ष प्रहलाद खुरड़िया को दिया। 10 सितम्बर तक तहसील कार्यकारिणी बनेगी और 6 अक्टूबर को जयपुर में अन्नदाता हूंकार रैली में 50,000 किसान भाग लेंगे।
अजमेर। किसान महापंचायत के संगठनात्मक विस्तार और किसान आंदोलनों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए अजमेर जिले की कार्यकारिणी के गठन का अधिकार जिला अध्यक्ष प्रहलाद खुरड़िया को स्वतंत्र रूप से अधिकृत किया गया है। संगठन की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि जिले की प्रत्येक तहसील में सक्रिय किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा।
10 सितम्बर तक सभी तहसीलों में कार्यकारिणी
संगठन की ओर से तय किया गया है कि आगामी 10 सितम्बर को अजमेर जिले की सभी तहसीलों – पीसांगन, अरडका, नसीराबाद, अजमेर, अराई, किशनगढ़, पुष्कर और मसूदा में तहसील स्तरीय कार्यकारिणी गठित कर दी जाएगी। यह कदम किसान महापंचायत के संगठन को और अधिक मजबूती देने के साथ-साथ किसानों की जमीनी समस्याओं को आवाज देने के लिए उठाया जा रहा है।
6 अक्टूबर को जयपुर में होगा शक्ति प्रदर्शन
अजमेर जिले की पूरी कार्यकारिणी के गठन के बाद इसे 6 अक्टूबर को जयपुर में आयोजित होने वाली ‘अन्नदाता हूंकार रैली’ में औपचारिक रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। किसान महापंचायत की इस रैली में राजस्थान के लगभग 50,000 किसान भाग लेंगे। रैली को किसानों की एकजुटता और सरकार तक अपनी मांगों को मजबूती से पहुँचाने का माध्यम माना जा रहा है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे संभागीय दौरा
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रामपाल जाट इस सिलसिले में अजमेर, ब्यावर, जैतारण और जोधपुर संभाग का दौरा करेंगे। इस दौरान वे स्थानीय किसानों, प्रतिनिधियों और संगठन पदाधिकारियों से चर्चा कर रैली की तैयारियों की रूपरेखा तय करेंगे।
रामपाल जाट ने कहा कि किसान महापंचायत हमेशा से किसानों की समस्याओं को लेकर सजग रही है और अब समय आ गया है कि किसान संगठित होकर अपनी मांगों को और तेज़ आवाज दें।
मेड़ता और दूदू किसानों से भी अपील
रैली की तैयारियों के अंतर्गत संगठन की ओर से मेड़ता और दूदू क्षेत्र के किसानों से भी विशेष अपील की जाएगी कि वे बड़ी संख्या में जयपुर की अन्नदाता हूंकार रैली में पहुँचकर अपनी एकजुटता का परिचय दें। संगठन का मानना है कि किसानों की संख्या ही उनकी ताकत है और इस रैली से सरकार को किसानों की गंभीरता का अंदाज़ा होगा।
किसान महापंचायत की प्रमुख मांगें
अन्नदाता हूंकार रैली केवल एक प्रतीकात्मक आयोजन नहीं होगा, बल्कि इसमें किसान महापंचायत अपनी कई प्रमुख मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाएगी। इनमें –
फसलों का उचित समर्थन मूल्य तय कर उसे कानूनी गारंटी देना।
सिंचाई और पेयजल की समस्या का स्थायी समाधान।
किसानों पर बढ़ते कर्ज़ से मुक्ति दिलाने की ठोस योजना।
कृषि में उपयोग होने वाली उर्वरक, बीज और डीज़ल की लागत कम करने के कदम।
बिजली बिलों और भूमि से जुड़े विवादों को प्राथमिकता से निपटाने जैसी मांगें शामिल होंगी।
संगठन को मजबूत करने का प्रयास
किसान महापंचायत की ओर से कहा गया है कि कार्यकारिणी गठन का उद्देश्य केवल पदाधिकारियों का चयन करना नहीं है, बल्कि किसानों को संगठित करने की दिशा में ठोस आधार तैयार करना है। प्रत्येक तहसील की कार्यकारिणी उस क्षेत्र के किसानों की समस्याओं और संघर्षों को आगे बढ़ाने का काम करेगी।
रैली को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी
संगठन पदाधिकारियों के अनुसार जयपुर में होने वाली अन्नदाता हूंकार रैली को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए अजमेर जिले के हर गाँव और हर तहसील से किसानों को जोड़ा जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान किसानों को एकजुट होकर यह संदेश देने की योजना है कि जब तक उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं होगा, वे संघर्ष जारी रखेंगे।