आधुनिक तकनीकों से किसानों को होगा फायदा
जोधपुर। कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के डॉ. बी. आर. सी. कृषि अनुसंधान केंद्र, मंडोर की ओर से “अरंडी उत्पादन में वृद्धि हेतु उन्नत कृषि पद्धतियां” विषय पर दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन ओसियां तहसील के नेवरा गांव में किया गया।
प्रशिक्षण में क्षेत्र के 35 से अधिक किसानों ने भाग लिया और अरंडी की वैज्ञानिक एवं उन्नत खेती से संबंधित नवीन तकनीकों की जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. सैमुअल जेबर्सन, सह आचार्य (पादप आनुवंशिकी एवं प्रजनन) तथा डॉ. ममता, सहायक आचार्य (पादप आनुवंशिकी एवं प्रजनन) ने अरंडी की उच्च उत्पादक एवं उच्च तेल वाली किस्मों के चयन पर विस्तृत जानकारी दी। वहीं डॉ. रेखा, सहायक आचार्य (पादप रोग विज्ञान) ने अरंडी में लगने वाले रोगों के प्रबंधन के आधुनिक उपायों पर चर्चा की।
दो दिवसीय प्रशिक्षण में किसानों को अरंडी की वैज्ञानिक खेती के विभिन्न पहलुओं — भूमि की तैयारी, बुवाई विधि, फसल प्रबंधन, सिंचाई, खरपतवार नियंत्रण, मूंग के साथ अंतरफसल के लाभ, फसल की कटाई का सही समय एवं विधि आदि पर व्यावहारिक जानकारी भी प्रदान की गई।
कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. रामेती जांगिड़, सहायक आचार्य (सस्यविज्ञान) के मार्गदर्शन में किया गया। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य किसानों को उन्नत कृषि पद्धतियों से सशक्त बनाकर अरंडी की उत्पादकता और गुणवत्ता में सतत वृद्धि सुनिश्चित करना है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में दुर्गाशंकर मीणा (तकनीकी सहायक), बजरंग (कृषि पर्यवेक्षक) एवं लिखमा राम (प्रगतिशील किसान) की सक्रिय सहभागिता रही।
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