मिशनसच न्यूज, मनीष मिश्रा – खैरथल।
राजस्थान फार्मासिस्ट कर्मचारी संघ (एकीकृत) के बैनर तले रविवार को राजकीय सेटेलाइट हॉस्पिटल, खैरथल में जिलेभर के फार्मासिस्टों की एक अहम बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में जिले के खैरथल, तिजारा, किशनगढ़, मुंडावर और कोटकासिम ब्लॉक से बड़ी संख्या में फार्मासिस्ट पहुंचे। बैठक का मुख्य उद्देश्य जिला स्तर पर कार्यकारिणी का गठन करना और लंबे समय से लंबित सात सूत्रीय मांगों पर रणनीति तय करना रहा।
कार्यकारिणी का गठन
बैठक में सर्वसम्मति से नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। धीरज यादव को जिला अध्यक्ष चुना गया, जबकि करण कुमार को सचिव और राहुल सैनी को कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके साथ ही रोहित खंडेलवाल और शैलेन्द्र यादव को उपाध्यक्ष चुना गया। महिला प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी रजनेश यादव, ज्योति गुप्ता और तनवी सैनी को सौंपी गई।
कार्यकारिणी के गठन के बाद सभी नव-निर्वाचित पदाधिकारियों का माला पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम का माहौल उत्साहपूर्ण रहा और फार्मासिस्टों ने संगठन को मजबूत बनाने का संकल्प लिया।
सात सूत्रीय मांगें बनीं केंद्र में
जिला अध्यक्ष धीरज यादव ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि फार्मासिस्टों की सात सूत्रीय मांगें पिछले 13 वर्षों से अधूरी हैं। इनमें वेतन विसंगति को दूर करना, विभिन्न चिकित्सा संवर्ग के समान वेतन-भत्ते प्रदान करना, पदनाम परिवर्तन करना, कार्यभार के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध कराना, सेवा सुरक्षा सुनिश्चित करना और प्रोन्नति के अवसर उपलब्ध कराना जैसी मांगें शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर संगठन अब गंभीर रणनीति बनाएगा और विभिन्न अधिकारियों के माध्यम से ज्ञापन देकर सरकार का ध्यान आकर्षित करवाया जाएगा।
25 सितंबर को जयपुर में विशाल सभा
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी 25 सितंबर को विश्व फार्मासिस्ट दिवस के अवसर पर जयपुर में चिकित्सा मंत्री की उपस्थिति में एक विशाल सभा का आयोजन किया जाएगा। इस सभा में जिलेभर के फार्मासिस्टों के शामिल होने का आह्वान किया गया। जिला कार्यकारिणी ने कहा कि यह सभा फार्मासिस्टों की ताकत और एकजुटता का प्रतीक होगी।
फार्मासिस्टों का बढ़ता महत्व
बैठक में वक्ताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि आज स्वास्थ्य सेवाओं में फार्मासिस्टों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो चुकी है। ग्रामीण स्तर से लेकर जिला अस्पतालों तक फार्मासिस्ट मरीजों को सही दवा उपलब्ध कराने और चिकित्सकीय परामर्श के पालन में अहम योगदान देते हैं। इसके बावजूद, उन्हें अभी तक वह मान-सम्मान और सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं जिसके वे हकदार हैं।
बैठक के दौरान वक्ताओं ने कहा कि फार्मासिस्ट मरीजों और डॉक्टरों के बीच की कड़ी हैं, इसलिए सरकार को उनके हितों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
संगठन की एकजुटता
कार्यक्रम में शामिल सभी सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि अब समय आ गया है कि फार्मासिस्ट अपनी आवाज बुलंद करें। संगठन की एकजुटता और मजबूती से ही उनकी मांगें पूरी हो सकती हैं।
कार्यक्रम में जिलेभर से आए फार्मासिस्टों ने यह संकल्प लिया कि वे संगठन की मजबूती और अपनी मांगों के समाधान के लिए सक्रिय भूमिका निभाएंगे।