श्री सार्वजनिक गौशाला, स्टेशन रोड, अलवर के अध्यक्ष अजय अग्रवाल से बातचीत
प्रश्न: सबसे पहले आपको और आपकी टीम को पुनः निर्विरोध चुने जाने पर बधाई। इस क्षण को आप कैसे देखते हैं?
अजय अग्रवाल: बहुत-बहुत धन्यवाद। यह सब अलवर के गौप्रेमी बंधुओं, व्यापारी भाइयों और दानदाताओं के विश्वास और आशीर्वाद का परिणाम है। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूँ कि पिछले 27 वर्षों से मुझे गौमाता की सेवा करने का अवसर मिला और अब अगले 2 वर्षों के लिए पुनः अध्यक्ष और श्री राकेश जैन जी को सचिव चुना गया है।
प्रश्न: 1998 में जब आपने जिम्मेदारी संभाली थी, उस समय की परिस्थितियाँ कैसी थीं?
अजय अग्रवाल: सच कहूँ तो वह समय बहुत चुनौतीपूर्ण था। अचानक इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलना आसान नहीं था। धन का अभाव था और काम में रोड़े भी बहुत आते थे। लेकिन उत्साह अपूर्व था और गौमाता के आशीर्वाद से हर समस्या का समाधान धीरे-धीरे निकलने लगा। लोगों का जुड़ाव बढ़ा और धीरे-धीरे कारवां बनता चला गया।
प्रश्न: गौशाला के विकास में किन-किन कार्यों को आप महत्वपूर्ण मानते हैं?
अजय अग्रवाल: अलवर मंडी के व्यापारी भाइयों और आम जनता के सहयोग से हमने गौशाला में सड़क, बिजली, पानी की व्यवस्था, बोरिंग, कमरों का निर्माण और गौशाला शेड का विस्तार कराया। साथ ही दानदाताओं के जुड़ाव से यह कार्य और भी सहज हुआ। विशेष रूप से श्री बृजमोहन जी के परिजनों ने यहां विशाल गौमाता धाम मंदिर का भव्य निर्माण कराया।
प्रश्न: वर्तमान में गौशाला की स्थिति कैसी है?
अजय अग्रवाल: आज हमारी गौशाला में लगभग 700 पशुधन है और इसे देश की सर्वश्रेष्ठ गौशालाओं में गिना जाता है। यहां गायों के लिए खल, बिनौले, ऑयल, चूरी, छिलका, मिनरल्स और गुड़ जैसे पौष्टिक आहार की व्यवस्था है। साथ ही 24 घंटे प्रभावी चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध है। मैं गर्व से कह सकता हूँ कि आज गौमाता यहां पूरी तरह स्वस्थ और प्रसन्न हैं।
प्रश्न: भविष्य के लिए आपकी क्या योजना और संकल्प हैं?
अजय अग्रवाल: मेरा प्रयास रहेगा कि अलवर की यह गौशाला देश की आधुनिकतम गौशालाओं में शामिल हो। मैं चाहता हूँ कि जो भी व्यक्ति अलवर घूमने आए, वह सबसे पहले गौशाला और गोबिंद धाम देखकर गौरव महसूस करे। मेरा वचन है कि आपके हर विश्वास और चुनौती पर खरा उतरते हुए हम दुगुनी ऊर्जा से गौमाता की सेवा करेंगे।
प्रश्न: अंत में आप अपने सहयोगियों और समाज को क्या संदेश देना चाहेंगे?
अजय अग्रवाल: मैं दिल से सभी दानदाताओं, व्यापारी भाइयों और गौप्रेमियों का आभार व्यक्त करता हूँ। पिछले 27 वर्षों का आपका निरंतर विश्वास ही मेरी सबसे बड़ी पूँजी है। मैं प्रार्थना करता हूँ कि यह संबंध और आशीर्वाद यूँ ही बना रहे और हम सब मिलकर गौमाता की सेवा को और व्यापक बनाएं।