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    नीमराना में किन्नर गुरु मधु शर्मा हत्याकांड के विरोध में कस्बा बंद, ग्रामीणों का प्रदर्शन

    नीमराना में किन्नर गुरु मधु शर्मा हत्याकांड के विरोध में गुरुवार को कस्बा पूरी तरह बंद रहा। कृष्णा टॉवर के सामने ग्रामीणों ने जाम लगाकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।

    मिशनसच न्यूज, नीमराना। किन्नर समाज की वरिष्ठ गुरु मधु शर्मा की हत्या ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। बुधवार रात हुए इस हत्याकांड के विरोध में गुरुवार को नीमराना कस्बा पूरी तरह से बंद रहा। विभिन्न सामाजिक संगठनों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने एकजुट होकर इस बंद का समर्थन किया। कस्बे की बाजारें दिनभर सन्नाटे में डूबी रहीं और लोग हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए।

    सुबह से ही ग्रामीण और कस्बेवासी कृष्णा टावर के सामने बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए और मुख्य सड़क को जाम कर दिया। हाथों में तख्तियां और बैनर लिए प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए प्रशासन पर दबाव बनाया कि हत्यारों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।

    प्रदर्शनकारियों का कहना था कि मधु किन्नर पूरे क्षेत्र में समाजसेवा और धार्मिक आयोजनों में सक्रिय रहती थीं। उनकी हत्या न केवल किन्नर समाज बल्कि पूरे कस्बे के लिए गहरी चोट है। प्रदर्शनकारी आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर कड़ी सजा देने की मांग कर रहे थे।

    जाम और प्रदर्शन की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। मौके पर एसडीएम महेन्द्र यादव, डीएसपी सचिन शर्मा और थाना प्रभारी राजेश मीणा भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे। लेकिन गुस्साए ग्रामीण प्रशासनिक अधिकारियों पर ही नाराज हो उठे। उन्होंने मौके पर मौजूद अफसरों को जमकर खरी-खोटी सुनाई और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल खड़े किए।

    ग्रामीणों ने कहा कि अगर पुलिस और प्रशासन पहले से सतर्क रहते तो ऐसी घटना घटित ही नहीं होती। उनका आरोप था कि अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि खुलेआम एक सम्मानित किन्नर गुरु की हत्या कर दी गई और पुलिस अब तक सिर्फ बयानबाजी कर रही है।

    इस दौरान पूर्व सरपंच अशोक मुदगल, पूर्व प्रधान सविता मनोज यादव, भाजपा मंडल अध्यक्ष राकेश खंडेलवाल, योगेश भारद्वाज सहित बड़ी संख्या में कस्बेवासी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा।

    नीमराना बंद के चलते छोटे-बड़े सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। बाजार, स्कूल और स्थानीय परिवहन सेवाएं प्रभावित हुईं। कस्बे में सन्नाटा पसरा रहा और लोगों ने अपने-अपने घरों से बाहर निकलकर हत्याकांड के विरोध में अपना समर्थन जताया।

    किन्नर समाज के लोगों ने भी नीमराना पहुंचकर धरना-प्रदर्शन में भाग लिया। उन्होंने कहा कि जब तक हत्यारे पकड़े नहीं जाते और उन्हें सख्त सजा नहीं मिलती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

    हालांकि, प्रशासन की ओर से लोगों को आश्वासन दिया गया है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर कानून के हवाले किया जाएगा। लेकिन प्रदर्शनकारी इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं दिखे और उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई में ढिलाई हुई तो आंदोलन और व्यापक होगा।

    नीमराना का यह बंद और विरोध प्रदर्शन एक बार फिर इस सवाल को खड़ा कर गया है कि आखिर क्यों अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं और समाज के कमजोर वर्ग – चाहे किन्नर हों, महिलाएं हों या आम नागरिक – उनकी सुरक्षा व्यवस्था कितनी लचर है।

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