नईदिल्ली। कांग्रेस के नेता और सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया के माध्यम से पिछले दिनों आरोप लगाया था कि मोदी सरकार यूपीएससी से नहीं बल्कि आरएसएस से भर्ती कर रही है। ऐसा करके मोदी सरकार एससी-एसटी और ओबीसी कोटे का आरक्षण छीन रही है।
इस बयान पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पलटवार किया है। वैष्णव ने कहा कि यूपीए सरकार ही सबसे पहले प्रशासनिक सुधार आयोग को लेकर आई थी। प्रशासनिक सुधार आयोग को साल 2005 में यूपीए सरकार के कार्यकाल में ही विकसित किया गया था। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने प्रशासनिक सुधार आयोग की अध्यक्षता की थी। आयोग को भारतीय प्रशासनिक प्रणाली को प्रभावी और नागरिक अनुकूल बनाने के लिए सुधारों की सिफारिश करने का काम सौंपा गया था।
लेटरल एंट्री योजना को औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान शुरू किया गया था। यह भारत की प्रशासनिक मशीनरी की दक्षता और जवाबदेही को बढ़ाने के लिए डोमेन विशेषज्ञों की आवश्यकता की मान्यता से प्रेरित था। 2018 में सरकार ने संयुक्त सचिवों और निदेशकों जैसे वरिष्ठ पदों के लिए रिक्तियों की घोषणा कर महत्वपूर्ण कदम उठाया। यह पहली बार था कि निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों के पेशेवरों को इन उच्चस्तरीय भूमिकाओं के लिए आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया गया था।