सड़क निर्माण में राजनीतिक पक्षपात किया जाना लोकतांत्रिक परम्पराओं का अपमान : जूली

The officers and employees, at the behest of the government, are obstructing the path of development of the state by ignoring the recommendations of the opposition MLAs.
The officers and employees, at the behest of the government, are obstructing the path of development of the state by ignoring the recommendations of the opposition MLAs.
जयपुर। राजस्थान विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने वक्तव्य जारी कर सड़क निर्माण में राजनीतिक पक्षपात किये जाने को लोकतांत्रिक परम्पराओं का अपमान बताया है।
जूली ने बताया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा प्रदेश के प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में मिसिंग लिंक एवं नॉन पैचेबल सड़कों के निर्माण हेतु 10 करोड़ रूपये स्वीकृत किये जाने की घोषणा की गई थी। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के पश्चात् वर्तमान सरकार ने उसी घोषणा के अनुसार घोषणा तो की, लेकिन खेद का विषय है कि स्थानीय प्रशासन और सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा विधायकों की अनुशंषा के अनुसार क्रियान्विति नहीं की जा रही हैं।
प्रतिपक्ष के नेता जूली को प्रतिपक्ष के कई मा. विधायकों ने बताया कि उनके विधान सभा क्षेत्र में सड़क निर्माण में भाजपा सरकार द्वारा राजनीतिक पक्षपात किया जा रहा है, विधायकों की अनुशंषा को दरकिनार कर, भाजपा के हारे हुए प्रत्याशियों अथवा भाजपा के स्थानीय नेताओं की अनुशंषा पर सड़कों का निर्माण करवाया जा रहा है, जो कि लोकतांत्रिक परम्पराओं के अनुरूप नहीं है।
जूली ने कहा कि  प्रतिपक्ष के विधायक जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं, इसलिए उनकी अनुशंषा के अनुरूप ही सड़कों के निर्माण की स्वीकृति दी जानी चाहिए।
प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सदन में उनके द्वारा कहे गये वाक्य याद दिलाते हुए बताया कि मुख्यमंत्री  ने सदन में कहा था विपक्ष का कोई भी विधायक मेरे या मेरी सरकार के पास काम लेकर आएगा, तो उनका काम रूकेगा नहीं, लेकिन वस्तुस्थिति इसे अलग है। सरकार के मातहत अधिकारी कर्मचारी सरकार के इशारे पर प्रतिपक्ष के विधायकों की अनुशंषा को अनदेखा कर, प्रदेश के विकास का मार्ग अवरूद्ध कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री  से मांग की है कि उन्हें इस सम्बन्ध में संज्ञान लेकर लोकतांत्रिक परम्पराओं का सम्मान करना चाहिए।

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