मिशनसच न्यूज, जयपुर/उदयपुर/भीलवाड़ा।
राजस्थान में बीते पंद्रह दिनों में स्वर्णकार समाज के दो प्रतिष्ठित व्यवसायियों की पुलिस हिरासत में मौत की घटनाओं ने पूरे समाज में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। उदयपुर में सुरेश जी पंचाल और भीलवाड़ा में खूबचंद जी सोनी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने कानून-व्यवस्था और पुलिस कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्वर्णकार समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि राज्य में बार-बार इस समाज के लोगों को टारगेट किया जा रहा है। उनका आरोप है कि यह वही समाज है जो लगभग 80% मतदान भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में करता है, और अब उसकी अनदेखी व प्रताड़ना की जा रही है।
समाज के नेताओं ने कहा कि इन घटनाओं से पहले भी कुछ समाजसेवी अधिकारियों को अनावश्यक जांच व कार्रवाई में फंसाकर परेशान किया गया है। “अगर इस तरह की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो हमें मजबूरन पुलिस प्रशासन और सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा करना पड़ेगा,” उन्होंने चेतावनी दी।
पुलिस कस्टडी में मौत के मामले कानून की दृष्टि से बेहद गंभीर होते हैं। मानवाधिकार नियमों के तहत, हिरासत में किसी भी व्यक्ति की सुरक्षा की पूर्ण जिम्मेदारी पुलिस की होती है। ऐसे मामलों में न्यायिक जांच अनिवार्य होती है, लेकिन समाज का कहना है कि अब तक उन्हें न्याय की दिशा में ठोस कदम नजर नहीं आए हैं।
इन घटनाओं के बाद से स्वर्णकार समाज के विभिन्न संगठनों और युवा वर्ग में आक्रोश है, और एकजुट होकर भविष्य की रणनीति तय करने की तैयारी चल रही है।