More
    Homeराजस्थानअलवर18 साल बाद पिता-पुत्र का मिलन : पत्नी के देहांत से व्यथित...

    18 साल बाद पिता-पुत्र का मिलन : पत्नी के देहांत से व्यथित होकर घर छोड़ गए थे पप्पू सिंह

    अपना घर आश्रम में ऐसा ही एक भावुक दृश्य सामने आया, जब 18 साल पहले घर छोड़ चुके पप्पू श्रवण सिंह का उनके बेटे से मिलन हुआ

    मिशनसच न्यूज अलवर। परिवार से बिछड़े, लावारिस और असहाय लोगों के लिए विवेकानंद नगर स्थित अपना घर आश्रम एक जीवनदायी ठिकाना बन गया है। यही आश्रम उन बुजुर्गों के पुनर्वास और अपनों से मिलन का माध्यम भी बन रहा है। बुधवार को आश्रम में ऐसा ही एक भावुक दृश्य सामने आया, जब 18 साल पहले घर छोड़ चुके पप्पू श्रवण सिंह का उनके बेटे से मिलन हुआ।

    पत्नी के निधन के बाद टूट गए थे पप्पू सिंह

    आश्रम प्रबंधन के अनुसार पप्पू श्रवण सिंह मूल रूप से भरतपुर के रहने वाले हैं। करीब 18 साल पहले पत्नी के निधन के बाद वे गहरे अवसाद में चले गए और घर छोड़ दिया। इस दौरान उन्होंने मजदूरी करके जीवनयापन किया और अलग-अलग जगह भटकते रहे।

    रेलवे स्टेशन से हुआ रेस्क्यू

    करीब एक साल पहले आश्रम की रेस्क्यू टीम को पप्पू श्रवण अलवर रेलवे स्टेशन के पास बने मंदिर में असहाय अवस्था में मिले। टीम उन्हें आश्रम लेकर आई। यहां उनका इलाज और काउंसलिंग कराई गई। धीरे-धीरे उन्होंने अपनी पहचान और परिवार के बारे में जानकारी दी।

    वीडियो कॉल से शुरू हुआ संवाद

    मैनेजर भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जब पप्पू श्रवण स्वस्थ हुए तो आश्रम ने उनके परिवार से संपर्क साधा। पहले वीडियो कॉल पर बात कराई गई, जिसमें पिता-पुत्र ने एक-दूसरे को पहचान लिया। इसके बाद परिजनों को आश्रम बुलाया गया।

    बेटे ने पिता को अपनाया

    बुधवार को पप्पू श्रवण सिंह के बेटे गुल्लू आश्रम पहुंचे। 18 साल बाद पिता को देखकर वे भावुक हो उठे। आश्रम प्रशासन ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर उन्हें परिवार को सौंप दिया। इस दौरान आश्रम के कर्मचारी और अन्य प्रभुजी भी इस मिलन के गवाह बने।

    पुनर्वास की मिसाल है आश्रम

    भूपेंद्र सिंह ने बताया कि अपना घर आश्रम में 2012 से अब तक 260 से अधिक प्रभुजियों को पुनर्वासित कर उनके परिवारों से मिलवाया जा चुका है। आश्रम का उद्देश्य सिर्फ आश्रय देना ही नहीं बल्कि परिवार से बिछड़े लोगों को फिर से अपनों से जोड़ना भी है।

    latest articles

    explore more

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here