spot_img
More

    खरगौन क्षेत्र में 12 कॉलोनियों में 85 मकान खतरे की जद में

    भोपाल : खरगौन शहर और आसपास के क्षेत्रों में ट्रांसमिशन लाइनों के प्रतिबंधित क्षेत्रों में हुए अवैध निर्माण पर 85 मकान मालिकों को अतिक्रमण हटाने के लिये नोटिस जारी किये गये हैं। उल्लेखनीय है कि खरगौन में मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) की 132 के.व्ही. से लेकर 220 के.व्ही. तक की छह प्रमुख ट्रांसमिशन लाइनों के समीप मानव जीवन के लिये घातक और विद्युत सुरक्षा मानकों के विरूद्ध अनाधिकृत निर्माण कर लिये गये है।

    ट्रांसमिशन लाइनो की प्रतिबंधित सीमा में हुये निर्माण

    खरगौन के अनेक क्षेत्रों में ट्रांसमिशन लाइनो के प्रतिबंधित सीमा में अनाधिकृत निर्माण किये गये है, जिनमें विद्युत मानकों के अनुरूप न्यूनतम सुरक्षा दूरी का उल्लंघन किया गया है। यहां के ओंकार दत्त रेजिडेंसी, निमरानी, द्वारका धाम कॉलोनी, साकेत नगर, जेतपुरा, यमुना नगर कॉलोनी, खरगोन मोतीपुरा, हिंगलाज नगर, स्मार्ट पार्क टाउनशिप, माँ रेवा विन्यास कॉलोनी, पानवा एवं भीलगांव आदि क्षेत्रों में ट्रांसमिशन लाइन और निर्माण के बीच बेहद कम क्लियरेंस पाया गया है। यह अति उच्च वोल्टेज की बिजली से जुड़े संभावित करंट, स्पार्किंग, और अग्निकांड जैसे गंभीर खतरे उत्पन्न कर सकता है।

    इन ट्रांसमिशन लाइनों के समीप हुये निर्माण

    खरगौन जिले में मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी की छह ट्रांसमिशन लाइने हैं जिनके समीप विद्युत सुरक्षा मानकों के विरूद्ध निर्माण कर लिये गये हैं। इन ट्रांसमिशन लाइनों में 132 के.व्ही. भीकनगांव-खरगोन डी.पी. लाइन, 132 के.व्ही. बिस्टन-लिलो लाइन, 132 के.व्ही. निमरानी-कसरावद लाइन, 220 के.व्ही. निमरानी-छैःगांव लाइन, 220 के.व्ही. निमरानी-ओंकारेश्वर लाइन एवं 220 के.व्ही. महेश्वर-पीथमपुर लाईन शामिल हैं।

    जरूरी है 27 मीटर का कॉरिडोर

    केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अनुसार, 132 के.व्ही. या इससे अधिक वोल्टेज की ट्रांसमिशन लाइन के नीचे कम से कम 27 मीटर की सुरक्षित दूरी आवश्यक है, ताकि हवा में झूलते तारों से संपर्क न हो और दुर्घटना टाली जा सके।

    600 से 950 गुना अधिक रहता है ट्रांसमिशन लाइनों से जान का खतरा

    आम घरों में उपयोग होने वाली विद्युत आपूर्ति की तीव्रता मात्र 230 वोल्ट होती है। यह स्तर भी इतना अधिक होता है कि यदि कोई व्यक्ति गलती से इसके संपर्क में आ जाए तो गंभीर रूप से घायल हो सकता है या उसकी जान भी जा सकती है लेकिन इससे भी कहीं अधिक खतरनाक होती हैं। शहर भर में क्रियाशील एक्स्ट्रा हाईटेंशन ट्रांसमिशन लाइनें, जिनमें विद्युत तीव्रता 132 के.व्ही. (यानी 132,000 वोल्ट) एवं 220 के.व्ही. (यानी 2,20,000 वोल्ट) होती है। यह घरेलू बिजली की तुलना में 600 से 950 गुना अधिक रहती है। यह अंतर दर्शाता है कि अगर मात्र 230 वोल्ट के संपर्क में आने से जान को खतरा हो सकता है, तो 132 या 220 के.व्ही. की ट्रांसमिशन लाइनों के पास रहने या निर्माण करने से कितना बड़ा जोखिम हो सकता है। ट्रांसमिशन लाइनों के आसपास निर्धारित प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण करना न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि यह जानलेवा जोखिम भी उत्पन्न करता है।

    Latest news

    Related news

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here