राजगढ़ में निकलेगी 171वीं भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा, पूरा शहर बनेगा बाराती
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जन-जन के आराध्य देव कस्बे के चौपड़ बाजार स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर से निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की 171वीं रथ यात्रा 27 जून को सायंकाल 7:30 बजे निकाली जाएगी मंदिर के महंत पूर्ण दास पंडित मदन मोहन शास्त्री पंडित रोहित शर्मा ने बताया कि माता जानकी सवारी चौपड़ बाजार स्थित मंदिर से गुरुवार सायं निकलकर मुख्य बाजार से होती हुई गंगा बाग के श्री जगन्नाथ मंदिर पहुंचेगी, जहां मेला कमेटी के सदस्यों महंत परिवार के द्वारा मंदिर में गणेश जी का पूजन किया जाएगा।
27 जून को भगवान जगन्नाथ को जो दूल्हे के रूप में सजे हैं उन्हें प्रातः काल 9.15 बजे कंगन डोरा बांध जाएगा उसके बाद दो ज पूजन गोलक पूजन में 10:00 बजे हल्दी के रसमदा की जाएगी भक्त महिलाओं के द्वारा मंगल गीत गाकर भगवान जगन्नाथ को रि झाया जाएगा सांयकाल 7:30 बजे सशस्त्र गार्ड ऑफ ऑनर सलामी के साथ भगवान जगन्नाथ को गरुड़ रूपी रथ में विराजमान होंगे इससे पूर्व भगवान जगन्नाथ के रथ का पूजन किया जाएगा और महा आरती की जाएगी इस बार आकर्षण का केंद्र भगवान जगन्नाथ की शाही पोशाक मथुरा के कशीदा कारों के द्वारा पोशाक को नया रूप दिया गया है साथ ही भगवान जगन्नाथ जयपुर के मोगरे कोलकाता का इत्र तथा विशेष रूप का इत्र जो सऊदी अरब से मंगायाw गया है उससे सजेंगे, हरे कृष्णा हरे राम सत्संग मंडली रथ यात्रा में हरे रामा हरे कृष्णा सत्संग मंडली राधा कृष्ण झांकी, दो बैंड,तथा पूरा राजगढ़ शहर बाराती के रूप में शामिल होगा गार्ड ऑफ़ आर्नर सशस्त्र सलामी के साथ भगवान जगन्नाथ गरुड़ रूपी रथ पर विराजमान होंगे रथ मुख्य बाजारों से होते हुए गंगाबाग पहुंचेगा प्रमुख मंदिरों में भगवान जगन्नाथ की महा आरती की जाएगी घंटे घड़ियालों की मधुर ध्वनि से भगवान जगन्नाथ का रथ आगे बढ़ेगा।
पूरा शहर बनेगा बाराती
मेला कमेटी अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद तिवारी एडवोकेट और सचिव हरिओम गुप्ता ने बताया प्रशासन की ओर से पूर्ण से तैयारी कर ली गई है साथ ही भगवान जगन्नाथ की यह रथ यात्रा विगत 171 वर्षों से निकलती हुई आ रही है और जगन्नाथ पुरी के तर्ज पर यह रथ यात्रा राजगढ़ कस्बे में निकल ती चली आ रही है उन्होंने बताया कि जगन्नाथ पुरी के बाद दूसरा ही स्थान अलवर जिले के राजगढ़ तहसील का हैइस रथ यात्रा को 171 वर्ष पूर्ण हो गए जो सबसे प्राचीन रथ यात्रा है 1 जुलाई को भगवान जगन्नाथ माता जानकी का वरमाला महोत्सव 4 जुलाई को रथ यात्रा की पुन वापसी होगी 5 जुलाई को माता जानकी के मुंह दिखाई के रसों का कार्यक्रम होगा इसी के साथ आरती उसी से जगन्नाथ मेला महोत्सव का समापन हुआ ।
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