संविधान पर मायावती का BJP को कड़ा संदेश: ‘छेड़छाड़ हुई तो बर्दाश्त नहीं’, ‘देश को अंदर से खोखला’ करने का भी आरोप

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आपातकाल के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने देश में संविधान के मूल स्वरूप में बदलाव की कोशिशों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि BSP ऐसे किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध करेगी और जरूरत पड़ी तो सड़कों पर आंदोलन भी किया जाएगा.

मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत भारत के संविधान के महत्व और उसकी मूल भावना की चर्चा करते हुए की. उन्होंने कहा कि देश के संत समाज, खासकर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने समाज के सभी वर्गों, विशेषकर दलितों, पिछड़ों और वंचितों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक समतामूलक संविधान की नींव रखी थी. उन्होंने कहा कि देश में संत समाज के हित के लिए और सर्वजन सुखाय-सर्वजन हिताय के सिद्धांतों पर चलते हुए जो संविधान तैयार किया गया, वह आज गंभीर संकट में है.

बीजेपी पर सीधा निशाना

BSP प्रमुख ने कहा कि पहले कांग्रेस और अब बीजेपी के नेतृत्व वाली NDA सरकार ने संविधान के साथ ईमानदारी नहीं बरती. उन्होंने दोनों ही दलों पर आरोप लगाया कि इन पार्टियों ने सत्ता में रहते हुए संविधान के प्रावधानों को कमजोर करने का काम किया है. पहले कांग्रेस और अब बीजेपी व उसके सहयोगी दलों ने संविधान को सही मायनों में लागू नहीं किया है. ये पार्टियां अपनी जनविरोधी नीतियों को छिपाने के लिए संविधान में अनावश्यक बदलाव कर रही हैं.

मायावती बोलीं- कांग्रेस और बीजेपी अंदर से एक

मायावती ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी दिखावे में एक-दूसरे के विरोधी हो सकते हैं, लेकिन असलियत में दोनों संविधान संशोधन के मामलों में एकजुट हैं. आज कांग्रेस और बीजेपी अंदर ही अंदर एक हैं. उन्होंने कहा कि संविधान में से ‘समाजवाद’ और ‘धर्मनिरपेक्षता’ जैसे शब्दों को हटाने की कोशिशें हो रही हैं, जो देश के लोकतांत्रिक ढांचे और बहुलतावादी समाज के लिए खतरनाक संकेत हैं. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. संविधान से छेड़छाड़ की कोई भी कोशिश होगी तो BSP चुप नहीं बैठेगी. पार्टी इसके खिलाफ जन आंदोलन खड़ा करेगी.

‘आरक्षण को खत्म करने की साजिश’

मायावती ने कहा कि आरक्षण व्यवस्था को कमजोर करने की भी योजनाएं चल रही हैं और इसे धीरे-धीरे निष्क्रिय किया जा रहा है. आरक्षण से संबंधित कई मामले आज भी लंबित हैं. बीजेपी और उसके सहयोगी दल समाज के वंचित वर्गों को उनके अधिकारों से वंचित करने का प्रयास कर रहे हैं. BSP प्रमुख ने साफ किया कि उनकी पार्टी संविधान की मूल आत्मा से कोई समझौता नहीं करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि संविधान और दलित-पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए BSP हर स्तर पर संघर्ष करती रहेगी.

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