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    नेमीनाथ निर्वाण महोत्सव गिरनार में श्रद्धा, भक्ति और सौहार्द के साथ सम्पन्न

     हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति, विश्व जैन संगठन की पदयात्रा बनी आकर्षण का केंद्र

    जयपुर/गिरनार (जूनागढ़)।  गुजरात के प्रसिद्ध गिरनार सिद्धक्षेत्र पर भगवान नेमीनाथ जी के मोक्ष कल्याणक पर्व के अवसर पर 1-2 जुलाई को भव्य निर्वाण महोत्सव शांतिपूर्ण एवं श्रद्धाभाव से संपन्न हुआ। विश्व शांति निर्मल ध्यान केंद्र ट्रस्ट गिरनार के तत्वावधान में आयोजित इस आयोजन में देश भर से हज़ारों श्रद्धालु पहुंचे। समारोह का मुख्य उद्देश्य भगवान नेमीनाथ के निर्वाण दिवस को अध्यात्म, भक्ति और एकता के भाव से मनाना रहा।

    आचार्य श्री सुधींद्र सागर जी के सान्निध्य में आयोजन

    परम पूज्य आचार्य श्री सुधींद्र सागर जी महाराज, मुनि श्री धरसेन सागर जी महाराज और मुनि श्री अजितसेन सागर जी महाराज के आशीर्वाद से कार्यक्रम आयोजित हुआ। संचालन पीठाधीश क्षुल्लक समर्पण सागर जी महाराज व ब्र. शांताबेन, ब्र. सुमति भैय्या जी द्वारा किया गया।

    निर्माण लड्डू अर्पण एवं वैराग्य नाट्य प्रस्तुति

    निर्मल ध्यान केंद्र में 22 फीट ऊंची भगवान नेमीनाथ जी की प्रतिमा पर महामस्तकाभिषेक व शांतिधारा की गई। शांतिधारा का सौभाग्य बसंत बाकलीवाल परिवार, उदयभान जैन (जयपुर) सहित कई श्रद्धालुओं को प्राप्त हुआ। रात्रि में ‘विरह और वैराग्य’ पर आधारित प्रभावशाली नाट्य प्रस्तुति जैन रत्न साधना मादावत इंदौररंगशाला टीम द्वारा दी गई, जिसने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

    देशभर की राष्ट्रीय जैन संस्थाओं की गरिमामयी उपस्थिति

    कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाने हेतु अनेक राष्ट्रीय जैन संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिनमें भारतवर्षीय तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष जम्बू प्रसाद जैन, ग्लोबल महासभा के अध्यक्ष जमुनालाल हपावत, विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन, आदिनाथ चैनल के पवन गोधा, जैन पत्रकार महासंघ के महामंत्री उदयभान जैन, युवा परिषद् के दिलीप जैन (जयपुर) शामिल रहे।

    समोशरण मंदिर से रथयात्रा, 5वीं टोंक तक पदयात्रा

    1 जुलाई को आचार्य निर्मल सागर जी महाराज के 58वें दीक्षा दिवस के अवसर पर समोशरण मंदिर से निर्मल ध्यान तक विशाल रथयात्रा निकाली गई। श्रद्धालुओं ने बंडी मंदिर में रथयात्रा का स्वागत किया।
    2 जुलाई को सुबह 2 बजे से ही श्रद्धालुओं की पाँचवीं टोंक तक पदयात्रा शुरू हुई। पहली टोंक पर मंदिर में निर्वाण लड्डू अर्पित किया गया। 22 किलो का प्रथम लड्डू कटारिया परिवार (अहमदाबाद) ने समर्पित किया। समवशरण मंदिर में बड़जात्या परिवार (रूपनगढ़, अजमेर) ने भी लड्डू समर्पण किया।

    2200 किमी पदयात्रा कर पहुँची विश्व जैन संगठन की टीम

    इस बार का मुख्य आकर्षण रहा विश्व जैन संगठन की टीम का योगदान, जिसने दिल्ली से गिरनार तक 2200 किलोमीटर की पदयात्रा कर 2 जुलाई को पांचवीं टोंक पर दर्शन किए। यह आयोजन के इतिहास में एक अभूतपूर्व अध्याय बन गया।

    नि:शुल्क सेवा और व्यवस्थाएं बनीं मिसाल

    महोत्सव समिति के संयोजक रतन पाटनी ने बताया कि आयोजन में 25,000 से अधिक श्रद्धालुओं के लिए भोजन, आवास व यातायात की नि:शुल्क व्यवस्था की गई। समिति के अध्यक्ष पारस जैन बज ने सभी अतिथियों, सहयोगियों और सेवकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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