अलवर. राजस्थान विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अलवर के अमित सैनी सुसाइड केस में पुलिस थाने में पूछताछ के नाम पर मृतक और उसके नाबालिग साथी के साथ की गई बर्बरता की शब्दों में निन्दा की है। उन्होंने सरकार पर इस घटना के बाद दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने पर सवाल उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अलवर की यह घटना सरकार की विफलता और असंवेदनशीलता का प्रत्यक्ष उदाहरण है।
प्रतिपक्ष के नेता जूली ने कहा कि पुलिस ने चोरी के इल्जाम में पकड़े गए युवकों को थाने में लाकर उनके साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार कर कड़ी यातनाएं दी गई। पुलिस ने यातना देकर और अमानवीय और शर्मनाक व्यवहार कर अमित को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया। जूली ने बताया कि अमित के साथ पकड़ा गया लड़का नाबालिग होने के बावजूद पुलिस ने उसे लॉकअप में बंद कर टार्चर किया और चोरी के अन्य मामले कबूल करने के लिए दबाव डाला गया, जबकि कानून के मुताबिक नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया जाना चाहिए था। ऐसा नहीं करके पुलिस ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम का उल्लंघन किया है। जूली ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर नाबालिग की उम्र 19 साल लिखाई है, जिससे वह निरंकुश होकर बर्बरता कर सके।
प्रतिपक्ष के नेता जूली ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। राज्य में जंगलराज कायम है। जिनके ऊपर जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, वे ही उनकी जान के दुश्मन बन रहे हैं। प्रदेश में जब मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों को धमकियां मिल रही हो, तो ऐसे में जनता की सुरक्षा कौन करेगा। अब तो पुलिस भी दमनात्मक कार्रवाई पर उतर आई है। जूली ने आरोप लगाया कि बच्चों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जा रहा है, उन्हें यातनाएं देकर और उनके साथ निर्मम, अमर्यादित और अमानवीय व्यवहार कर आत्महत्या करने पर मजबूर किया जा रहा है। जब मृतक के परिजन पुलिस थाने में घटना की रिपोर्ट देने जाते हैं तो उन पर अपराध में शामिल पुलिस कर्मचरियों के नाम वापस लेने के लिए दबाव बनाया जाता है।
प्रतिपक्ष के नेता जूली ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश की भाजपा सरकार की विफलता और पुलिस की इस घृणित कार्रवाई का विरोध करेगी और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करती रहेगी।