पानी पर पंचायतः नदियों और तालाबों को संरक्षित कर अतिक्रमण से शीघ्र मुक्त कराए सरकार

 दो दिन तक चर्चा के बाद अनेक निर्णय हुए

जयपुर. तरूण आश्रम भीकमपुरा में तरुण भारत संघ जल बिरादरी और परमार्थ संस्थान की ओर से पानी पंचायत का आयोजन किया गया। जिसका संचालन जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने किया। 30 मई को न्यायाधीशगण प्रो. राणा प्रताप सिंह, डॉ. विनोद कुमार मिश्र, अनिल शर्मा, इबाहिम खान, डॉ. संजय सिंह को संपूर्ण भारत वर्ष से आयोजित पानी पंचायत में 16 वादियों ने  अपनी, अपनी मौखिक याचिकाएं दर्ज कराई। अभी तक नदियों के सुधार के लिए बनाये गये विभिन्न योजनाओं पर हुए खर्च के विवरण के लिए सीएजी रिर्पोट एक महिने में सार्वजनिक किया जाए। नदियों और तालाबों को संरक्षित करते हुए इन पर होने वाले हर तरह के अतिक्रमण को सरकार शीघ्र मुक्त कराए और इसकी जिम्मेदारी तय की जाए। प्रगति रिपोर्ट से अदालत को एक महिने में अवगत कराया जाए।

जल स्त्रोतों को प्रदूषित करने वाले को किया जाए दंडित

जल स्त्रोतों को प्रदूषण करने वाले सभी उद्योगों और अन्य व्यक्तियों एवं समूहों को चिन्हित करके कानून के अनुसार दण्डित किया जाए। इनके लिए जो नियत विभाग और अधिकारी हैं, उनकी जिम्मेदारी तय की जाए तथा एक स्वतंत्र निगरानी समिति बनाकर समय.समय पर स्वतंत्र आकलन की व्यवस्था करायी जाए। भारत के संविधान में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है, जब तक कि उस व्यक्ति की बात के पीछे निजी या व्यवसायिक लाभ न हो। स्वयं सेवी संस्थान विधि संगत ही अपनी शिकायतें करें।

नदियों में हो रहे अवैध खनन को रोका जाए, वैध खनन की भी हो निगरानी

नदियों में हो रहे अवैध खनन को रोका जाये और वैध खनन की भी निगरानी नदी के आस.पास के समाज द्वारा की जाए। भारत में नदी नीति के आलोक में नदी संरक्षण कानून का निर्माण किया जाए, जिसमें नदी के किनारों के समाजों एवं समुदायों और सभी जीव.जंतुओं के अधिकारों को संरक्षित किया जाए। नदी एवं अन्य जल स्त्रातों को सामुदायिक संपत्ति माना जाये एवं इनका निजीकरण एवं व्यवसायिकरण उपयोग न होने दिया जाए। नदियों की सुरक्षा के लिए विशेषज्ञों और नदी कार्यकर्ताओं की एक समिति बनायी जाए और समय.समय पर अपनी राय का अनुपालन किया जाए। बूचड़खाने और उद्योगों के प्रदूषित पानी को जमीन के अंदर डालने वालों को कठोर से कठोर दण्ड देने के लिए कानून बनाया जाए। न्यायालय के आदेशों का पालन न हो तो इसे कोर्ट की अवमानना समझी जाए।
इसके बाद 31 मार्च 2024 को आयोजित हुए पानी पंचायत के सम्मानित पंच अनिल शर्मा, नीरज कुमार, डॉ. जगदीश चौधरी, हिमांशु शर्मा, संजय सिंह के समक्ष 16 वादीगण ने अपनी.अपनी समस्याओं और विचारों को रखा। जिन्हें पांच पंच न्यायाधीश ने बहुत ध्यान से सुनकर.समझकर सूक्ष्मतम ढंग से निर्णय दिए।
इस पूरी पंचायत में रन सिंह परमार सुबोध नंदन शर्मा, राजकुमार सागवान, देवेंद्र कुमार शर्मा, प्रभाकर दुबे, बदन सिंह, अविनाश प्रताप सिंह, सुनील कुमार श्रीवास्तव, सतेंद्र सेंडिल, दीप सिंह, अरविंद सिंह, सिद्धोपाल सिंह, धनीराम रैकवार, तरुण भारत संघ के निदेशक मौलिक सिसोदिया, पूजा भाटी, अर्निमा जैन, सुरेश रैकवार, छोटे लाल मीणा, चमन सिंह, रणवीर सिंह, राहुल सिसोदिया, पारस प्रताप नारायण, सरोज सैनी, राहुल स्वर्णकार आदि उपस्थित रहे।

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