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    स्किल डवलपमेंट से वंचित जरुरतमंद बच्चों को कम्प्यूटर व इंग्लिश का सिखा रहे हुनर 

    अलवर शहर में एक संस्था जरुरतमंद बच्चों को दे रही स्किल डवलपमेंट ट्रेनिंग

    अलवर. आज के दौर में सरकारी एवं गैर सरकारी स्तर पर युवाओं को स्किल डवलपमेंट के प्रयास किए जा रहे हैं। उच्च एवं मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चे स्किल डवलपमेंट का अवसर हासिल कर लाखों रुपए के पैकेज पाने में सफल हो रहे हैं, लेकिन गरीब व निम्न वर्ग के ज्यादातर युवा अभी स्किल डवलपमेंट से दूर हैं। गरीब एवं वं​चित वर्ग के बच्चे भी स्किल डवलपमेंट का लाभ उठा लाखों रुपए के पैकेज पा सके, इसके लिए अलवर की गुरू मिलाप आर्गेनाइजेशन यूएसए, गुरुद्वारा श्रीगुरुसिंह सभा साकेत दिल्ली, सहायता आईएनसी यूएसए संस्थाएं मिलकर स्कूली शिक्षा के बाद स्किल डवलपमेंट से वंचित रहे बच्चों को रोजगार से जोड़ने के प्रयास में जुटी हैं। यह संस्थाएं एक सेंटर के माध्यम से बच्चों को कम्प्यूटर एवं इंग्लिश की स्किल डवलपमेंट कर रोजगार के योग्य बनाने के प्रयास में लगी हैं। ये संस्थाएं अलवर के लिवारी गांव में छोटे बच्चों क लिए मुफत शिक्षा दिलाने की व्यवस्था भी की गई है। इसमें करीब साढ़े तीन सौ बच्चे शिक्षा का लाभ ले रहे हैं।

    प्रबंधन समिति के सदस्य तारिक सिंह ने बताया कि उनकी संस्था की ओर से लिवारी में छोटे बच्चों की शिक्षा मुहैया कराने के साथ ही बड़े बच्चों को भी रोजगारपरक शिक्षा की व्यवस्था करने का विचार मन में आया। इसी विचार से प्रेरित होकर अलवर शहर में 12 वीं कक्षा तक पढ़ाई कर चुके एवं किसी कारणवश स्किल डेवलपमेंट से वंचित रहे जरूरतमंद बच्चों के लिए उनकी संस्था मुफ्त में स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करवा रही है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में जरुरतमंद बच्चों को कंप्यूटर में बेसिक से एडवांस तक एवं इंग्लिश के विभिन्न कोर्सेज करवाए जाते हैं।
    ट्रेनिंग प्रोग्राम में 180 बच्चे ले रहे नि:शुल्क प्रशिक्षण
    तारिफ सिंह ने बताया कि इन संस्थाओं की ओर से चलाए जा रहे ट्रेनिंग प्रोग्राम में अलवर जिले के झाहरखेड़ा, दादर, नौगांवा, रामगढ़, मालाखेड़ा, चिकानी सहित अलवर शहर से 25 से 30 किलोमीटर परिधि के गांवों से करीब 180 बच्चे प्रशिक्षण का लाभ ले रहे हैं। यह प्रशिक्षण 4 से लेकर 12 महीने तक चलते हैं। इनके अंतर्गत से बेसिक से लेकर एडवांस लेवल तक कम्प्यूटर के कोर्स सिखाए जाते हैं। कम्प्यूटर कोर्स के अंतर्गत एडओब व माइक्रो साफट की ओर से आयोजित परीक्षा के ​सर्टि​िफकेट ​दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि संस्था की ओर से ट्रेनिंग प्रोग्राम में बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त प्रशिक्षक ट्रेनिंग दे रहे हैं। इन प्रशिक्षकों का तीन स्तर की परीक्षा के बाद चयन किया जाता है।
    ऐसे होता है प्रशिक्षण के लिए बच्चों का चयन
    तारिक सिंह ने बताया कि संस्थान में प्रशिक्षण के लिए बच्चों का चयन दो तरीके से किया जाता है। इसमें पहले जरुरतमंद बच्चों को चिन्हित किया जाता है, इसके बाद उनके परिवार के बारे में जानकारी ली जाती है। जरुरतमंद बच्चों के सत्यापन के बाद उनकी अंकतालिका की जांच की जाती है, अंकतालिका में 50 प्रतिशत से ज्यादा अंक मिलने पर उस बच्चे का प्रशिक्षण के लिए चयन किया जाता है। सेंटर पर प्रशिक्षण लेने वाले बच्चों में कुछ कॉलेज स्तर के हैं तथा कुछ स्कूलों से डाप आउट भी शामिल हैं।
    प्रशिक्षण के बाद जॉब दिलाने में करेंगे मदद
    तारिक सिंह ने बताया कि ट्रेनिंग प्रोग्राम में प्रशिक्षण लेने वाले बच्चों को ट्रेनिंग पूरी होने के बाद जॉब दिलाने में मदद की जाएगी। इसके लिए कम्पनियों से सम्पर्क किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी जरुरमंद बच्चों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने के प्रयास किए जाएंगे।
    ज्यादा युवा हो सकें शामिल, अलवर में खोला सेंटर
    तारिक सिंह ने बताया कि अलवर में इस संस्थान को शुरू हुए करीब तीन महीने हो चुके हैं। अलवर शहर में इस संस्थान को शुरू करने के पीछे मुख्य कारण रहा कि यहां सेंटर खुलने से अलवर शहर के आसपास के 30 किलोमीटर की परिधि के गांवों से ज्यादा से ज्यादा जरुरतमंद युवा भाग ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि आगामी समय में खैरथल में इसी तरह संस्थान का ट्रेनिंग सेंटर शुरू करने की योजना है।
    युवाओं का कहना, सेंटर में बेहतर सुविधाएं
    ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण ले रहे युवा रविन्द्र सिंह, प्रिंस सिंह एवं युवती ख्वाहिश ने बताया कि अलवर में संचालित यह संस्थान जरुरतमंद युवाओं के लिए उपयोगी साबित हो रहा है। इस सेंटर में युवाओं को स्किल डवलपमेंट के साथ इंग्लिश स्पीकिंग में काफी सहायता मिल रही है। इस सेंटर में युवाओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण ​मुहैया कराया जा रहा है। सेंटर पर उच्च शिक्षा प्राप्त फैकल्टी प्रशिक्षण दे रही हैं, ​जिससे जरुरतमंद युवा लाभान्वित हो रहे हैं और इन युवाओं को इस सेंटर पर मिला प्रशिक्षण रोजगार दिलाने में सहायक होगा।
    इस तरह संस्थाएं कर रहीं मदद 
    तारिक सिंह ने बताया कि ट्रेनिंग प्रोग्राम को संचालित करने के लिए सहायता यूएसए संस्था की ओर से प्रशिक्षकों को वेतन की व्यवस्था की जा रही है। गुरु मिलाप संस्था यूएसए की ओर से भवन निर्माण की मदद की जा रही है। साथ ही गुरुद्वारा श्रीगुरुसिंह सभा साकेत दिल्ली की ओर से संस्थान में कम्प्यूटर, चेयर, सीसीटीवी कैमरे सहित अन्य संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं।

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