हर घर तिरंगा अभियान के द्वितीय चरण में जिले के पर्यटन स्थलों पर देशभक्ति की अनूठी झलक
हर घर तिरंगा अभियान,पर्यटकों ने कहा – तिरंगे के सम्मान में आयोजित कार्यक्रमों से महसूस हुआ गर्व और राष्ट्रभक्ति
मिशनसच न्यूज, अलवर। जिला कलक्टर डॉ. आर्तिका शुक्ला के निर्देशन में अलवर जिले में “हर घर तिरंगा” अभियान का द्वितीय चरण पूरे उत्साह और उमंग के साथ जारी है। इस अभियान के तहत न केवल स्थानीय लोग बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक भी बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों ने राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान को एक नए आयाम पर पहुंचा दिया है, जिससे पूरे जिले में देशभक्ति का माहौल बना हुआ है।
रविवार को जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल — सिलीसेढ़ झील, भानगढ़ किला और सरिस्का टाइगर रिजर्व के गेट — देशभक्ति के रंग में रंग गए। सुबह से ही यहां आने वाले पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों के हाथों में तिरंगा लहराता नज़र आया। राष्ट्रीय ध्वज के साथ सेल्फी लेने और स्मृति चित्र संजोने के लिए विशेष फोटो पॉइंट बनाए गए थे, जहां लोग उत्साह के साथ कतारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे।
पर्यटन विभाग की उप निदेशक डॉ. टीना यादव ने बताया कि “हर घर तिरंगा” अभियान के अंतर्गत जिले के पर्यटन स्थलों पर विविध प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया गया। इनमें तिरंगा रैली, तिरंगा थीम फोटो प्रतियोगिता, देशभक्ति गीतों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और बच्चों द्वारा तिरंगा पेंटिंग शामिल रही। इन गतिविधियों का उद्देश्य राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान और जुड़ाव की भावना को हर वर्ग के लोगों में गहराई तक पहुंचाना है।
कार्यक्रम में शामिल पर्यटकों ने कहा कि यह पहल न केवल मनोरंजन और पर्यटन को प्रोत्साहन देती है, बल्कि देशभक्ति की भावना को भी मजबूती प्रदान करती है। दिल्ली से आए पर्यटक रोहित शर्मा ने कहा, “अलवर जिला प्रशासन द्वारा किया गया यह आयोजन हमारे लिए यादगार बन गया है। यहां आकर हमें देश की आन-बान-शान के प्रतीक तिरंगे के प्रति और अधिक गर्व महसूस हुआ।”
जयपुर से आए एक अन्य पर्यटक पूनम गुप्ता ने कहा, “भानगढ़ किले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में तिरंगे के साथ खड़े होकर ली गई तस्वीरें हमें जीवनभर प्रेरित करेंगी। ऐसे कार्यक्रमों से आने वाली पीढ़ियों में भी राष्ट्र के प्रति प्रेम और गर्व की भावना बढ़ती है।”
स्थानीय निवासियों ने भी इस अवसर को खास बनाया। सिलीसेढ़ झील पर सुबह-सुबह बड़ी संख्या में युवा पहुंचे और तिरंगा लेकर नौकायन किया। नौकाओं पर तिरंगे की छटा देखते ही बनती थी। बच्चों ने देशभक्ति गीत गाए और वरिष्ठ नागरिकों ने स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी कहानियां सुनाईं।
डॉ. टीना यादव ने बताया कि पर्यटन विभाग ने इन कार्यक्रमों की योजना इस तरह बनाई है कि लोग सिर्फ दर्शक बनकर न रहें, बल्कि सक्रिय रूप से भाग लें। इसी उद्देश्य से “तिरंगा सेल्फी कॉर्नर” और “देशभक्ति क्विज़” का आयोजन किया गया, जिसमें विजेताओं को तिरंगा थीम आधारित स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
जिला प्रशासन का मानना है कि पर्यटन स्थलों पर आयोजित इस प्रकार के कार्यक्रमों से दोहरा लाभ होता है — एक ओर लोगों में राष्ट्र के प्रति प्रेम और तिरंगे के सम्मान की भावना जागृत होती है, वहीं दूसरी ओर पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है। सिलीसेढ़, भानगढ़ और सरिस्का जैसे स्थलों पर आने वाले पर्यटक इस आयोजन की चर्चा अपने शहरों में भी करते हैं, जिससे जिले की पहचान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
जिला कलक्टर डॉ. आर्तिका शुक्ला ने कहा कि “हर घर तिरंगा” अभियान के तहत जिले में 13 अगस्त तक विभिन्न स्थानों पर गतिविधियां जारी रहेंगी। उनका उद्देश्य है कि अलवर जिले का हर नागरिक, चाहे वह शहरी हो या ग्रामीण, इस पहल में अपनी भागीदारी निभाए। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय ध्वज केवल एक प्रतीक नहीं है, यह हमारी स्वतंत्रता, एकता और गर्व की पहचान है। इस अभियान का उद्देश्य है कि हर व्यक्ति तिरंगे से भावनात्मक रूप से जुड़ सके।”
कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा और व्यवस्थाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया। पर्यटन स्थलों पर अतिरिक्त पुलिस बल और स्वयंसेवक तैनात किए गए, ताकि पर्यटक सुरक्षित और सहज वातावरण में कार्यक्रम का आनंद ले सकें। साथ ही, तिरंगे के सम्मान और उसकी सही देखभाल के बारे में लोगों को जानकारी दी गई, जैसे कि तिरंगे को जमीन पर न रखने, गंदा न होने देने और निर्धारित आकार व अनुपात का पालन करने के नियम।
रविवार का दिन अलवर के पर्यटन स्थलों के लिए ऐतिहासिक रहा। जहां एक ओर भानगढ़ के प्राचीन किले की दीवारों पर तिरंगे की छाया गर्व से लहराती रही, वहीं दूसरी ओर सिलीसेढ़ झील की लहरों में तिरंगे का प्रतिबिंब देश की आत्मा का प्रतीक बनकर चमकता रहा। सरिस्का टाइगर रिजर्व के प्रवेश द्वार पर पर्यटकों ने हाथों में तिरंगा थामकर फोटो खिंचवाए और “भारत माता की जय” के नारों से वातावरण गूंजा उठा।
अभियान के अंतर्गत आने वाले दिनों में जिले के अन्य पर्यटन स्थलों, विद्यालयों, बाजारों और पंचायत मुख्यालयों पर भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग का प्रयास है कि यह अभियान सिर्फ एक सरकारी पहल न रहकर जन-आंदोलन का रूप ले, जिससे हर नागरिक गर्व से कह सके — “मेरा तिरंगा, मेरी शान”।