अलवर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि भारतीय संविधान मानवीय अधिकारों और कर्तव्यों का वैश्विक दस्तावेज है। उन्होंने नई पीढ़ी को संविधान प्रदत्त कर्तव्यों की पालना के लिए प्रतिबद्ध रहते हुए राष्ट निर्माण में भूमिका सुनिश्चित करने का आववान किया। राज्यपाल मिश्र शुक्रवार को राजऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर के चतुर्थ दीक्षांत समारोह और वहां निर्मित संविधान उद्यान का लोकार्पण कर विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संविधान सर्वाेच्च है। उन्होंने नई पीढ़ी को संविधान प्रदत्त कर्तव्यों की पालना के लिए प्रतिबद्ध रहने का आहवान किया। शिक्षा प्रणाली समय और देश की परिस्थितियों के अनुकूल होराज्यपाल ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के शिक्षा दर्शन का स्मरण कहा कि शिक्षा प्रणाली ऐसी होनी चाहिए जो समय और देश की परिस्थितियों के अनुकूल हो। विद्यार्थी केवल अपने लिए नहीं प्राप्त शिक्षा का संपूर्ण समाज के हित के लिए उपयोग करे। उन्होंने अलवर के इतिहास और पौराणिक संदर्भों के आलोक में विश्वविद्यालय द्वारा शोध और अनुसंधान की नई राहों का निर्माण किए जाने, विश्वविद्यालय में भर्तृहरि शोध पीठ स्थापित करने और स्थानीय भाषा, साहित्य, संस्कृति और जीवन के संदर्भों में भारतीय संस्कृति की समृद्धता के लिए कार्य करने पर भी जोर दिया।
पदक हासिल करने में छात्राएं आगे
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परीक्षा वर्ष 2023 के अंतर्गत 39 स्वर्ण पदकों में से 28 स्वर्ण पदक एवं 6 रजत पदकों में से 5 रजत पदक छात्राओं द्वारा प्राप्त किए जाने पर प्रसन्नता जताई और कहा कि विश्वविद्यालय में श्रेष्ठ अकादमिक प्रदर्शन में बेटियां अग्रणी हैं। उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर विश्वविद्यालय छात्रा टीना शर्मा द्वारा जूड़ो प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने और अन्य चार छात्राओं के खेलो इंडिया में चयन पर छात्राओं की सराहना की।
अलवर की संस्कृति का विशेष महत्व
उप मुख्यमंत्राी एवं उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रेमचन्द बैरवा ने कहा कि महाराजा भर्तृहरि की तपोभूमि अलवर की संस्कृति का विशेष महत्व है। यहां इस विश्वविद्यालय में अब करीब सवा लाख विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं। वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने महाराजा भर्तृहरि की तपोभूमि पर अतिथियों का स्वागत करते हुए आभार जताया। उन्होंने कहा कि दीक्षान्त समारोह में जिस प्रकार बेटियां अव्वल रही है वह समाज में सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है। राज्यपाल मिश्र ने संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई। राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शील सिंधू पाण्डे ने विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
कुलाधिपति पदक अफसाना बानो को प्रदान किया
चतुर्थ दीक्षान्त समारोह में कला संकाय के वर्ष 2021 के 1888, वर्ष 2022 के 2026, वर्ष 2023 के 2032 स्नातक, स्नातकोत्तर अभ्यर्थियों एवं डाॅक्टर आव फिलाॅसफी के 21 शोधार्थियों, विज्ञान संकाय के वर्ष 2021 के 6812, वर्ष 2022 के 6454, वर्ष 2023 के 5462 स्नातक, स्नातकोत्तर अभ्यर्थियों एवं डाॅक्टर आव फिलाॅसफी के 14 शोधार्थियों, सामाजिक विज्ञान संकाय के वर्ष 2021 के 22751, वर्ष 2022 के 27471, वर्ष 2023 के 26879 स्नातक, स्नातकोत्तर अभ्यर्थियों एवं डाॅक्टर आव फिलाॅसफी के 57 शोधार्थियों, शिक्षा संकाय के वर्ष 2021 के 6831, वर्ष 2022 के 7689, वर्ष 2023 के 8094 स्नातक, स्नातकोत्तर अभ्यर्थियों, विधि संकाय के वर्ष 2021 के 639, वर्ष 2022 के 439, वर्ष 2023 के 48 स्नातक, स्नातकोत्तर अभ्यर्थियों एवं डाॅक्टर आव फिलाॅसफी के 6 शोधार्थियों को उपाधि प्रदान कर विभूषित किया गया। उन्होंने बताया कि राज्यपाल द्वारा कला संकाय के 15, सामाजिक विज्ञान संकाय के 22, विज्ञान संकाय के 7, वाणिज्य संकाय के 2 व विधि संकाय के 2 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की एवं शैक्षणिक परीक्षा 2021 में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 26 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक एवं 2 विद्यार्थियों को रजत पदक प्रदान किए गए। वर्ष 2022 का कुलाधिपति पदक अफसाना बानो एम.ए उर्दू को प्रदान किया गया एवं शैक्षणिक परीक्षा 2022 के 29 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक एवं 6 विद्यार्थियों को रजत पदक प्रदान किया गया तथा शैक्षणिक परीक्षा 2023 के कुलाधिपति पदक पूजा चौधरी को एम.ए डाईंग पेंटिंग के लिए प्रदान किया गया तथा शैक्षणिक परीक्षा वर्ष 2023 में 34 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक एवं 5 विद्यार्थियों को रजत पदक प्रदान किए गए। कार्यक्रम का संचालन राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय के रजिस्टार कै. फैलीराम मीणा ने किया। इस दौरान जिला कलक्टर आशीष गुप्ता, पुलिस अधीक्षक आनन्द शर्मा, विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, विद्यार्थी, अभिभावक एवं आमजन मौजूद रहे।