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    अमेरिकी टैरिफ का झटका: राजस्थान के निर्यात उद्योग पर संकट गहराया

    अमरीका की ओर से भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ थोपने से राजस्थान में निर्यात आधारित उद्योगों पर भारी संकट छा गया है। खासतौर से जिन उद्योगों में तकनीक और मशीनों की जगह श्रमिक और कारीगर ज्यादा काम करते हैं, उनमें समस्या विकराल होने लगी है। इस बीच राजस्थान के औद्योगिक संगठनों ने सरकार से तुरंत राहत पैकेज की मांग की है।

    केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से तुरंत कदम उठाने की मांग
    फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री और राजस्थान ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने टैरिफ लागू होने के बाद हालातों पर समीक्षा बैठक की। इसमें फोर्टी और राजस्थान चैम्बर की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से तुरंत कदम उठाने की मांग की है।

    25 प्रतिशत राशि अनुदान के तौर पर निर्यातकों को दे सरकार
    संरक्षक सुरजाराम मील का कहना है कि जब तक कोई दूसरा विकल्प उपलब्ध नहीं होता, तब तक यदि अमरीका की ओर से बढ़े हुए टैरिफ की कम से कम 25 प्रतिशत राशि सरकार की ओर से अनुदान के तौर पर निर्यातकों को देनी चाहिए, क्योंकि फिलहाल सरकार का पहला प्रयास एमएसएमई इकाइयों में कामगारों के रोजगार को बचाना है।

    एमएआइ और एमडीए के बजट को बढ़ाए सरकार
    राजस्थान चैम्बर की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मांग की है कि एमएसएमई निर्यातकों के लिए इंटरेस्ट इक्वलाइजेशन स्कीम और टर्म लोन की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इसके साथ एमएआइ (मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव) और एमडीए (मार्केट असिस्टेंट डेवलपमेंट) के बजट में वृद्धि करनी चाहिए।

    भीलवाड़ा को छोड़ ज्यादातर जिलों की निर्यात यूनिटें संकट में
    जिला – निर्यात उद्योग – यूनिटें – रोजगार – टैरिफ के बाद क्या
    भीलवाड़ा – स्पिनिंग—यार्न – 19 – 40,000 – यार्न निर्यात बढ़ेगा
    कोटा – कोटा स्टोन—सैंड स्टोन – 50 – 5000 – 200 करोड़ का कारोबार प्रभावित
    उदयपुर – क्वाट्र्स—मार्बल – 115 – 10000 – 3000 करोड़ का निर्यात प्रभावित
    राजसमंद – मार्बल – 100 – 8000 – 2000 करोड़ का कारोबार प्रभावित
    जोधपुर – हैंडीक्राफ्ट – फर्नीचर – 1000 – 3,00,000 – 2500 करोड़ का निर्यात प्रभावित।

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