वॉशिंगटन। भारत पर टैरिफ लगाकर अमेरिका ने अब तक की सबसे बड़ी गलती की है। इससे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की छवि वैश्विक स्तर पर खराब हुई है। भारत चीन और रुस के एक साथ आने से ट्रंप की नींद उड़ गई है। उनके व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर अपनी खीझ निकाली है। नवारो ने भारत-रूस व्यापारिक संबंधों की आलोचना की है और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात को शर्मनाक बताया है।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी को शी जिनपिंग और पुतिन के साथ घुलते-मिलते देखना शर्मनाक है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि वह क्या सोच रहे हैं। हमें उम्मीद है कि उन्हें यह समझ आ जाएगा कि उन्हें रूस के साथ नहीं, बल्कि हमारे साथ रहना चाहिए। इससे पहले नवारो ने भारत को शुल्कों का महाराजा कहा था और दावा किया था कि नई दिल्ली अमेरिका पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाता रहा है। उन्होंने कहा था, भारत के साथ दोतरफ़ा समस्या है…25 फीसदी समस्या अनुचित व्यापार के कारण पारस्परिक है और बाकी पच्चीस फीसदी समस्या इसलिए है क्योंकि भारत रूस से तेल खरीद रहा है।
यूक्रेन-रूस युद्ध को ‘मोदी का युद्ध’बताने वाले पीटर नवारो ने एक दिन पहले भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए भारतीय ब्राह्मणों पर रूस से तेल खरीद में मुनाफाखोरी करने का आरोप लगाया था। एक इंटरव्यू में नवारो ने ट्रम्प प्रशासन द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ को सही ठहराते हुए चेतावनी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग से निकटता वैश्विक व्यवस्था को अस्थिर कर रही है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने जब से भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी का टैरिफ लगाया है, तभी से ही वाइट हाउस के व्यापार सलाहकार नवारो भारत पर हमला करते रहे हैं। वह मॉस्को के साथ नई दिल्ली के कच्चे तेल के व्यापार की लगातार आलोचना करते रहे हैं। उनका आरोप है कि भारत रूसी तेल खरीदकर यूक्रेन के खिलाफ जंग में मॉस्को को फंडिंग कर रहा है। नवारो ने कई मौकों पर कहा है कि तेल खरीद से होने वाली आय रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को वित्त पोषित कर रही है।