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    मुश्किलों के बीच अफगानियों पर टूटा पहाड़, फिर आया 5.6 तीव्रता का भूकंप

    काबुल। अफगानिस्तान में एक बार फिर 5.6 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र जलालाबाद से 14 किलोमीटर पूर्व में था। यह जानकारी अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को आए भूकंप का केंद्र 34.72 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 70.79 डिग्री पूर्वी देशांतर पर 10 किलोमीटर की गहराई में था। जीएफजेड जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज ने भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी। यह ताजा भूकंप हाल के दिनों में नांगरहार और पड़ोसी कुनार, लघमन और नूरिस्तान प्रांतों में आए भूकंपों की एक सीरीज के बाद आया है। सबसे विनाशकारी, 6.0 तीव्रता का भूकंप रविवार देर रात आया था, जिससे व्यापक विनाश और जान-माल का भारी नुकसान हुआ।
    आधिकारिक रिपोर्टों में 2,200 से ज्यादा लोगों की मौत और 3,600 से ज्यादा लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। अभी भी बचाव अभियान जारी है। ताजा भूकंप के बाद इलाके को हाई अलर्ट पर रखा गया है। तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा था कि मरने वालों की संख्या कम से कम 800 हो गई है और 2,500 से ज्यादा घायल हुए हैं। ज्यादातर मौतें कुनार में हुई हैं। अफगानिस्तान में इमारतें आमतौर पर कम ऊंचाई वाली होती हैं। इनमें से ज्यादातर कंक्रीट और ईंटों से बनी होती हैं, ग्रामीण और बाहरी इलाकों में घर मिट्टी की ईंटों और लकड़ी से बने होते हैं। 
    संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने कहा कि भूकंप ने अफगानिस्तान में मौजूदा मानवीय चुनौतियों को और बढ़ा दिया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं से राहत कार्यों में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने एक्स पर लिखा- इससे सूखे और पड़ोसी देशों से लाखों अफगानों की जबरन वापसी जैसी अन्य चुनौतियों में मौत और विनाश भी शामिल है। उम्मीद है कि दान करने वाले राहत कार्यों में सहयोग करने में संकोच नहीं करेंगे। 
    बता दें इसके पहले 31 अगस्त को आए भूकंप से अफगानिस्तान में भी काफी तबाही मची थी। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के मुताबिक यह 6.0 तीव्रता का भूकंप 31 अगस्त की रात को आठ किलोमीटर की गहराई में आया था। प्रभावित क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। यहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स मिलती हैं। पहाड़ी भूभाग भूस्खलन की आशंका को और बढ़ा देता है, जिससे बचाव कार्य मुश्किल हो जाता है।शिरडी)। श्रद्धा और धैर्य का महामंत्र देने वाले शिरडी के साईं बाबा के दर्शन के लिए हर साल देश-विदेश से करोड़ों भक्त शिरडी आते हैं। इस अवसर पर भक्त साईं बाबा को उदारतापूर्वक दान देते हैं। शिरडी के साईं बाबा को 2008 में हैदराबाद के आदिनारायण रेड्डी ने एक स्वर्ण सिंहासन भेंट किया था। तब से, इसे साईं बाबा को मिला सबसे बड़ा दान माना जाता था। लेकिन 17 साल बाद, आज एक बार फिर, दुबई के एक साईं भक्त ने 1 किलो 623 ग्राम 600 मिली ग्राम वजन के दो सुनहरे ओम साईं राम पत्र भेंट किए हैं। इसका मूल्य 1 करोड़ 58 लाख रुपये है और इस भक्त ने गुप्त दान किया है और साईं बाबा संस्थान से अपना नाम उजागर न करने का अनुरोध किया है। संस्थान से जुड़े सूत्र बताते हैं कि दुबई का ये भक्त, जिन्होंने साईं बाबा को सोना चढ़ाया है, साईं बाबा की समाधि के दर्शन के लिए हर महीने शिरडी आते हैं। वे आरती में भी शामिल होते हैं। साईं दर्शन के बाद, वे हमेशा संस्थान को लगभग 1 लाख रुपये का दान देते हैं। वे कई वर्षों से साईं बाबा को सोने की कोई वस्तु दान करना चाहते थे। आखिरकार, गुरुवार के पावन दिन, उन्होंने दो सुनहरे ओम साईं राम पत्र अर्पित करके अपनी इच्छा पूरी की। दुबई के इस भक्त द्वारा दिए गए स्वर्ण दान को साईं बाबा संस्थान ने समाधि मंदिर के दोनों द्वारों पर स्थापित किया है जहाँ से भक्त दर्शन के बाद बाहर निकलते हैं। इससे भक्त मंदिर से बाहर निकलते समय ॐ साईं राम का जाप करते हैं। इस दान की जानकारी देते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोरक्ष गाडिलकर ने कहा, यह भक्त चाहता था कि उसका दान गुप्त रहे। इसलिए, उसके नाम की घोषणा नहीं की गई है। इस अवसर पर संस्थान द्वारा भक्त को शॉल, साईं मूर्ति और उदी भेंटकर सम्मानित किया गया।
     

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