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    बुरहानपुर के अंडा बाजार में सड़क धंसी, नीचे दिखी रहस्यमयी सुरंग; इतिहासकार बोले – जनता हमाम तक जाने का रास्ता

    बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर की गिनती पुराने शहरों में होती है। शहर में चारों ओर इतिहास बिखरा हुआ है। आज भी कई प्राचीन किला यहां है। इतिहास के किताबों से लेकर फिल्मों में तक में बुरहानपुर का जिक्र मिलता है। बुरहानपुर शहर के अंडा बाजार क्षेत्र में एक घटना घटी है, जिसके बाद फिर से इतिहास की चर्चा हो रही है। सड़क की मरम्मत के दौरान 400 साल पुरानी सुरंग निकल गई, जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई।

    एएसआई से संरक्षित करने की मांग
    नगर निगम की टीम इसे भर रही है। वहीं, जब सुरंग के बारे में इतिहासकारों को जानकारी मिली तो एएसआई से संरक्षित करने की मांग की है। इतिहासकार मोहम्मद नौशाद ने कहा कि यह 400 साल पुरानी ऐतिहासिक सुरंग जनता हमाम तक पहुंचाने का रास्ता बताया जा रहा है। दरअसल, इसका रास्ता पास स्थित ऐतिहासिक जनता हमाम की ओर जाता है।

    बारिश की वजह से दिखा यह गड्ढा
    बुरहानपुर में बारिश की वजह से पहले लोगों को यहां एक बड़ा गड्ढा नजर आया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना नगर निगम को दी। बुधवार दोपहर के वक्त नगर निगम जेसीबी के माध्यम से मिट्टी डालने का काम शुरू कर रहा था लेकिन जितनी मिट्टी डाली जा रही थी। उतनी नीचे धंसती जा रही थी और गड्ढे का मुंह ही बंद नहीं हो रहा था।

    जनता हमाम का रास्ता है यह
    इसके बाद यहां पहुंचकर इतिहासकारों ने इसका बारीकी से निरीक्षण किया तो पता चला कि यह 400 साल पुराना जनता हवा में जनता हमाम का रास्ता है। इतिहासकार कमरुद्दीन फलक ने कहा कि राज्य पुरातत्व विभाग एएसआई को इसे संरक्षित करना चाहिए। इसके ऊपर स्लिप डालना चाहिए। उसे मिट्टी डालकर नहीं भरना चाहिए। आगे इस पर रिसर्च हो सकती है।

    पहले छोटा गड्ढा था बाद में बढ़ गया
    स्थानीय लोगों ने बताया कि गद्दा करीब 20 फीट से अधिक गहरा है, जिसे सुरंग कहा जा रहा है। इसे देखने के लिए काफी संख्या में लोग भीड़ लगाकर पहुंच रहे हैं। स्थानीय रेवासी शेख फारूक ने बताया कि पहले यह एक छोटा सा गड्ढा था लेकिन बारिश के पानी की वजह से यह और बड़ा हो गया है। गहराई बढ़ने पर सुरंग जैसा रास्ता दिखाई दे रहा है। इतिहास के जानकारों का मानना है कि यह सुरंग मुगलकालीन हो सकती है क्योंकि आसपास मुगलकालीन कई इमारतें मौजूद हैं। गड्ढों को भरने के लिए बुधवार दोपहर 1:00 बजे नगर निगम में मिट्टी डलवाई थी लेकिन 20 फीट से ज्यादा गहराई होने के कारण अभी तक भराव पूरा नहीं हुआ।

    अधिकारियों ने कहा कि देखकर बताएंगे क्या है पूरा मामला
    इस मामले को लेकर पुरातत्व विभाग संरक्षण अधिकारी विपुल मेश्राम ने कहा कि मैं अभी भोपाल में हूं लेकिन मेरे पास कुछ फोटोग्राफ आए हैं। अभी यह नहीं कहा जा सकता कि यह क्या है। मौके पर पहुंचकर स्थिति का पता लगाएंगे। उसके बाद ही कुछ बता पाएंगे। नगर निगम ने भी कहा है कि सुरंग जैसी कोई बात नहीं आई है। जांच के बाद ही कुछ पता चल पाएगा।

    क्या होता है जनता हमाम
    बुरहानपुर के ऐतिहासिक धरोहरों में प्रमुख, जनता हमाम एक मुगलकालीन स्नानघर है जिसका निर्माण लगभग 400 साल पहले मुगल सेनापति अब्दुल रहीम खान-ए-खाना ने करवाया था। यह ऐतिहासिक इमारत बुरहानपुर में अकबरी सराय के पास स्थित है। एक समय में यह हमाम पूरी तरह से ज़मीन में धंस गया था। साल 1927 में ताप्ती नदी में आई भीषण बाढ़ के बाद जब पानी उतरा, तब इसके गुंबद दिखाई दिए, जिसके बाद इसकी सफाई करवाई गई। 1952 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इसे अपने संरक्षण में ले लिया और आज यह एक अच्छी स्थिति में मौजूद है।

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