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    पेट में चूहे काटने लगे…’ मंत्री गोविंद राजपूत ने बिना नाम लिए पूर्व गृहमंत्री पर साधा तीखा हमला, दी नसीहत भी

    सागर: मध्य प्रदेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री और सिंधिया के खास सिपहसालार गोविंद सिंह राजपूत और पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के बीच 'तकरार' का एक और मामला सामने आया है। मंत्री राजपूत ने अपनी विधानसभा में हस्तक्षेप करने पर उनका नाम लिए बगैर तगड़ा कटाक्ष किया है। राजपूत ने बगैर नाम लिए यहां तक कह दिया कि, मुझसे पहले 10 साल विधायक रहे और एक पुलिया तक नहीं बनवा पाए। वे अपना घर और अपनी विधानसभा देखें, जो करना है वहां करें, सुरखी में हस्तक्षेप न करें।

    प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद राजपूत ने पूर्व गृहमंत्री व खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह को खुले मंच से बगैर उनका नाम लिए खूब खरी-खोटी सुनाई है। उन्होंने कहा कि वे मुझसे पहले सुरखी से 10 साल विधायक रहे, लेकिन एक पुलिया तक नहीं बनवा पाये। किसी टूटी पुलिया पर उनका नाम लिखा हो तो बता दें। अभी 'जैसीनगर' का नाम बदलकर 'जयशिव नगर' करने का प्रस्ताव गया भी नहीं और 'उनके पेट में चूहा काटने लगे'। विरोध करने अपने लोग, भतीजों और कांग्रेस के चार-पांच लोगों को भेज दिया ज्ञापन देने। बोल रहे हैं कि जयशिव नगर बन गया है, जैसीनगर जयशिव नगर बन गया तो 'हमारे राजाओं का अपमान' हो रहा है।

    साफ संदेश मेरी 'सुरखी' में हस्ताक्षेप न करें, अपनी विधानसभा देखें
    मंत्री गोविंद सिंह राजपूत यहीं नहीं रुके उन्होंने ठेट बुंदेली अंदाज में मंच से भूपेंद्र सिंह का नाम लिए बगैर नसीहत दे डाली कि 'भैया अपनो घर देखो, हमाए जैसीनगर पर पथरा ने फेंको'। तुम्हें जो बनाने सो जाओ तुम्हाओ घर है, तुम्हाई विधानसभा है सो उते करो…' जैसीनगर के लोग अब दूसरों की बातों में आने वाले नहीं है। ये जैसीनगर हमारा परिवार है। इस परिवार को हमने अपने खून से सींचा है।

    मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने क्या? शब्दश: पढ़ें
    'अकेला शिव नगर नहीं बल्कि 'जयशिवनगर' बना रहे थे। अगर 'राजा जयसिंह' के नाम पर अगर हमारे जैसीनगर का नाम पड़ा होगा तो नाम नहीं बदला…जयशिव नगर! मुख्यमंत्री जी ने कहा था आप प्रस्ताव भेजो हम घोषणा कर देंगे। अभी प्रस्ताव भी नहीं गया और पेट में चूहा काटन लगे। और कौन के पेट में काट रहे, हम नाम नहीं ले रहे। जो 10 साल विधायक रहे कबउं, जिनके विधायक रहते एक पुलिया नहीं बनी। अगर किसी टूटी पुलिया पर उनका नाम लिखा हो तो हमें बता दो। घर के लोग भेज दए, भतीजे भेज दए, कांग्रेस के चार-पांच भेज दए कि जाए रे ज्ञापन दे आओ…कि जयशिव नगर बन गया, जैसीनगर जयशिव बन गया। हमाए राजाओं का अपमान किया गया।

    राजा जयसिंह की 'मूर्ति' को लेकर भी बुंदेलखंडी में दिया तगड़ा जवाब
    अरे तुम्हाए राजा आएं कि हमाए राजा आएं। हमाए जैसीनगर के राजा आएं। अरे जब 500 करोड़ की घोषणा हो सकती है तो, तुम्हाई मूर्ति की घोषणा क्यों नहीं हो सकती। अरे तुम क्या बनाओगे? राजा जयसिंह की मूर्ति जैसीनगर के लोग कहेंगे तो तुम्हारा विधायक आपका जनसेवक गोविंद सिंह बनवाए। ऐसी भव्य और सुंदर मूर्ति बनवाएंगे कि लोग देखते रह जाएंगे। एक समाज के नहीं हम सारे समाजों का सम्मान करते हैं, जैसा सारे समाजों ने हमारा सम्मान किया।

    जैसीनगर का नाम बदलने से जुड़ा है पूरा मामला
    दरअसल पिछले दिनों मुख्यमंत्री मोहन यादव गोंविद राजपूत की 'सुरखी विधानसभा के जैसीनगर' में एक सरकारी कार्यक्रम में आए थे। मंच पर उनसे 'जैसीनगर' का नाम बदलकर जयशिव नगर करने की मांग रखी गई थी। उन्होंने कहा था कि आप प्रस्ताव भेजिये हम 'जयशिव नगर' कर देंगे। इसके ठीक दो दिन बाद भूपेंद्र सिंह गुट के माने जाने वाले कुछ क्षत्रिये समाज के पदाधिकारी जो भूपेंद्र सिंह ग्रुप के माने जाते हैं उन्होंने सागर कलेक्टोरेट में पहुंचकर विरोध में ज्ञापन दिया था। उन्होंने कहा था कि यह राजा जयसिंह का अपमान है, जिनके नाम पर जैसीनगर का नाम है। हालांकि प्रदर्शन करने वालों में सभी भूपेंद्र सिंह ग्रुप से जुड़े माने जाने लोग ही शामिल थे।

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