More
    Homeराज्यमध्यप्रदेशखरगोन की 407 साल पुरानी परंपरा में मां महाकाली ने किया भव्य...

    खरगोन की 407 साल पुरानी परंपरा में मां महाकाली ने किया भव्य प्रवेश, सिंह पर सवार और तलवार थामे श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया

    खरगोन: जिले में शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर 407 वर्ष पुरानी खप्पर परंपरा बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ निभाई गई। सिद्धनाथ महादेव मंदिर परिसर में आयोजित इस दो दिवसीय खप्पर समारोह में मां अम्बे और मां महाकाली के पूजन व शोभायात्रा के साथ विजयादशमी उत्सव की शुरुआत हुई। 407 वर्षों से चली आ रही परंपरा महाअष्टमी और महानवमी की ब्रह्ममुहूर्त बेला में मां अम्बे और मां महाकाली की शोभायात्रा निकाली जाती है।

    निमाड़ी गरबियां गाई गईं
    बुधवार तड़के मां अम्बे खप्पर और तलवार धारण कर निकलीं, जबकि गुरुवार सुबह 4:30 बजे मां महाकाली सिंह पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देने आईं। उनके एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में जोगनी का सिर था। मंदिर परिसर में लगभग 40 मिनट तक भक्तों ने मृदंग और झांझ पर पारंपरिक निमाड़ी गरबियां गाईं। जयकारों से वातावरण गूंज उठा। इन गरबियों को 300 साल पुरानी क्षेत्रीय भाषा में गाया गया, जिनमें देवी के प्रति गहन भक्ति भाव झलकता है।

    नरसिंह भगवान और हिरण्यकश्यप की निकली झांकी
    गुरुवार सुबह भगवान नरसिंह और राक्षसराज हिरण्यकश्यप की झांकी निकाली गई, जिसके बाद महाकाली की भव्य शोभायात्रा संपन्न हुई। इस आयोजन का समापन भगवान नरसिंह द्वारा हिरण्यकश्यप वध के साथ हुआ। इस परंपरा की विशेषता यह है कि मां अम्बे और मां महाकाली का वेश केवल एक ही कुल के लोग धारण करते हैं। इस वर्ष संतोष भावसार ने मां महाकाली की भूमिका निभाई, मोहित बसंत भावसार ने भगवान नरसिंह, सुनील भावसार ने हिरण्यकश्यप, अक्षय धारे ने महाकाली के सिंह, दिव्यांश भावसार और शशिकांत पटेल ने क्रमशः गणेश और हनुमान का रूप धारण किया।

    12 से 25 साल के युवाओं ने लिया भाग
    समिति के प्रवक्ता ने बताया कि 12 से 25 वर्ष आयु वर्ग के युवा भी बड़ी संख्या में इसमें भाग ले रहे हैं और गरबियों व प्रस्तुतियों से परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। स्थान की कमी के कारण इस बार कार्यक्रम मंदिर परिसर के साथ-साथ भावसार मंगल भवन में भी आयोजित किया गया। आयोजन की संपूर्ण जिम्मेदारी क्षत्रिय भावसार समाज ने संभाली।इस प्रकार, 407 वर्षों से चली आ रही खप्पर परंपरा ने एक बार फिर श्रद्धा और भक्ति का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।

    latest articles

    explore more

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here