वक्फ संशोधन विधेयक पर विपक्ष ने क्यूं किया हंगामा, सरकार को जेपीसी में क्यों भेजना पड़ा बिल

नई दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। विपक्षी दलों ने इस विधेयक में मौजूद प्रावधानों का विरोध किया, जिसके बाद इसे जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया। इसके अलावा संसदीय कार्य मंत्री ने मुसलमान वक्फ विधेयक 2024 भी सदन में पेश किया। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जब से वर्ष 1995 के वक्फ अधिनियम को लागू किया गया है, तब से मुसलमान वक्फ अधिनियम 1923 के निरसन की आवश्यकता पड़ी।

विपक्ष पर मुसलमानों को भ्रमित करने का आरोप 

गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर मुसलमानों को भ्रमित करने का आरोप लगाया और कहा कि मौजूदा विधेयक में संशोधन की आवश्यकता इसलिए है, क्योंकि इसमें अनेक गलतियां हैं। वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य वक्फ अधिनियम 1995 का नाम बदलना भी है। अब वक्फ अधिनियम 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 किए जाने की तैयारी है। विधेयक को सदन में पेश करने से पहले मंगलवार की रात सभी लोकसभा सांसदों के साथ साझा किया गया।

बिल पेश करते ही विपक्ष ने किया हंगामा 

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जैसे ही सदन में विधेयक पेश किया, विपक्ष के सासंदों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष ने एक सुर में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह संविधान पर हमला है। इसके जवाब में रिजिजू ने कहा कि वक्फ विधेयक में किसी भी धार्मिक समुदाय की आजादी में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मसौदा कानून में कानून के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया गया है।

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