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    रणनीतिक सहयोग: अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया ने खनिज क्षेत्र में किया महत्वपूर्ण समझौता, चीन पर फोकस

    व्यापार: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने द्विपक्षीय बैठक के बाद महत्वपूर्ण खनिज समझौते (Critical Minerals Deal) पर हस्ताक्षर किए। सोमवार को व्हाइट हाउस में हुई बैठक के बाद यह 8.5 अरब डॉलर का समझौता हुआ। इसके तहत अमेरिका ऑस्ट्रेलिया के दुर्लभ खनिज संसाधनों तक अधिक आसानी से पहुंच सकेगा। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब चीन ने अपने रेयर-अर्थ मिनरल्स (Rare Earth Minerals) के निर्यात पर सख्त नियंत्रण लगा रखा है। इस नीति के कारण चीन और अमेरिका के बीच तल्खी बढ़ने की आशंका है।

    इस समझौते के बाद अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया संबंध 'नई ऊंचाई' पर पहुंचेंगे
    ऑस्ट्रेलिया के साथ समझौते के बाद ट्रंप ने कहा, करीब एक साल में हमारे पास इतनी मात्रा में क्रिटिकल मिनरल्स होंगे कि समझ नहीं आएगा उसका क्या किया जाए। वे केवल दो डॉलर के बराबर रह जाएंगे। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया के साथ यह समझौता कई महीनों की बातचीत के बाद हुआ है। प्रधानमंत्री अल्बानीज ने कहा कि यह समझौता अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को 'नई ऊंचाई' पर ले जाएगा। बता दें कि यह समझौता अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी को आर्थिक और सामरिक दोनों मोर्चों पर नई मजबूती देगा। इसका मकसद चीन के बढ़ते प्रभाव को सीमित करना है।

    ऑस्ट्रेलिया चीनी नियंत्रण को कम करने में अमेरिका की मदद करेगा
    गौरतलब है कि हाल ही में जारी चीन की सरकार के आदेश के मुताबिक कोई भी विदेशी कंपनी चीन से निकाले गए या चीनी तकनीक से निर्मित रेयर-अर्थ मैटेरियल वाले  मैग्नेट्स का निर्यात तभी कर सकेगी जब उसे सरकार की अनुमति प्राप्त होगी। इस पहलू पर व्हाइट हाउस के आर्थिक परिषद निदेशक केविन हैसेट ने कहा कि चीन ऐसी नीति अपनाकर वैश्विक तकनीकी आपूर्ति श्रृंखला को अपने नियंत्रण में करना चाहता है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, अपनी समृद्ध खनन अर्थव्यवस्था और संसाधनों के कारण, इस नियंत्रण को कमजोर करने में अहम भूमिका निभाएगा।

    चीन एक नियंत्रण-आधारित अर्थव्यवस्था
    जानकारों की राय में अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया के साथ यह समझौता इसलिए किया है ताकि वह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर चीन की आर्थिक प्रभुत्व रणनीति को संतुलित करने की कोशिश कर सके। इस मामले में अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा, 'चीन एक नियंत्रण-आधारित अर्थव्यवस्था है। अमेरिका और इसके सहयोगी देश या पक्ष किसी के नियंत्रण में नहीं रहेंगे।

    अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के बीच सहयोग बढ़ाएगा यह समझौता
    रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया और अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष की बैठक में AUKUS सुरक्षा समझौते पर भी चर्चा हुई। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के बीच बने रक्षा गठबंधन AUKUS के बारे में ट्रंप ने कहा कि यह अब तेजी से और सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। अल्बानीज ने अमेरिका के साथ हुए इस समझौते को ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा नीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया। अमेरिकी नौसेना सचिव जॉन फेलन ने इस डील के बारे में कहा, अमेरिका इस रक्षा ढांचे को और प्रभावी बनाना चाहता है ताकि तीनों देशों को बराबर लाभ मिल सके।

    क्या है ऑस्ट्रेलिया की सरकार की नीति
    यह भी दिलचस्प है कि अल्बानीज ने इसी साल मई में फिर से प्रधानमंत्री पद संभाला है। उन्होंने चुनाव में मिली जीत के बाद अपने विजय भाषण में कहा था कि उनकी पार्टी ने 'ट्रंपिज़्म' की नकल किए बिना जीत हासिल की। उन्होंने वैश्विक चुनौतियों से मुकाबले की नीतियों को लेकर कहा, वे चुनौतियों का सामना ऑस्ट्रेलियाई तरीके से करना चाहते हैं। यानी सामूहिकता और भविष्य निर्माण पर ध्यान देना उनकी प्राथमिकता होगा।

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