जन भागीदारी से अलवर जिले में जल संरक्षण को मिल रही नई दिशा
अलवर।

राजस्थान की भौगोलिक स्थिति, कम वर्षा और तेजी से घटते भूजल स्तर को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान की शुरुआत कर प्रदेश में जल जागरूकता की नई लहर पैदा की है। इस अभियान का उद्देश्य पारंपरिक जल स्रोतों के संरक्षण के साथ-साथ वर्षा जल के संग्रहण को जन सहभागिता से मजबूत करना है।
मुख्यमंत्री ने इस अभियान की शुरुआत गंगा दशहरा और विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जयपुर के रामगढ़ बांध पर स्वयं श्रमदान कर की, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि प्रदेश का नेतृत्व स्वयं जल संरक्षण को लेकर गंभीर है।
जल आत्मनिर्भरता की ओर एक जन आंदोलन
मुख्यमंत्री श्री शर्मा की इस दूरदर्शी पहल के माध्यम से राज्य में जल संरक्षण को एक जन आंदोलन का स्वरूप दिया गया है। वंदे गंगा अभियान के तहत वर्षा जल संचयन, पारंपरिक जल स्रोतों का पुनरुद्धार, नई जल संरचनाओं का निर्माण और पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में कार्य हो रहा है। इसका उद्देश्य सूख चुके जल स्रोतों का पुनर्जनन कर भूजल स्तर में सुधार लाना और आगामी पीढ़ियों के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
अलवर में व्यापक स्तर पर क्रियान्वयन
अलवर जिले में इस अभियान को जिला कलक्टर डॉ. आर्तिका शुक्ला के नेतृत्व में प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। अभियान के नोडल अधिकारी एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सालुखे गौरव रवीन्द्र ने बताया कि 20 विभागों के समन्वय से जिले में जल संरक्षण और पौधारोपण से संबंधित विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं।
33 नवीन अमृत सरोवरों का शुभारंभ
45 चारागाहों का चिन्हांकन
213 ग्राम पंचायतों में कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के तहत 4-4 कार्यों की स्वीकृति
10 सोख्ता गड्ढों की सफाई प्रत्येक ब्लॉक में
प्रमुख सड़कों, चौराहों और सार्वजनिक स्थलों की सफाई
287 पंचायत पौधशालाओं पर विशेष कार्यक्रम
प्राचीन बावड़ियों और जोहड़ों की डिसिल्टिंग
13800 गड्ढों की खुदाई और पौधारोपण की अग्रिम तैयारी
रोड साइड पर पौधारोपण और आरटीडब्ल्यूएचएस सिस्टम की सफाई
जनसहभागिता से बदल रही है तस्वीर
श्री सालुखे ने बताया कि आमजन की सहभागिता से यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। आगामी मानसून के दौरान बनाए गए जल स्रोतों में वर्षा जल का संचयन कर जिले के जल स्तर को बेहतर बनाने का लक्ष्य है।
निष्कर्षतः, वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता, प्रशासनिक समन्वय और जनसहभागिता का बेहतरीन उदाहरण बनकर उभरा है। यदि इसी उत्साह और समर्पण से प्रयास जारी रहे तो राजस्थान आने वाले वर्षों में जल संकट से जूझने के बजाय जल समृद्धि की ओर अग्रसर होगा।