3 ऑलराउंडर पर भरोसा कर सकते हैं गिल और गंभीर

नई दिल्ली : लीड्स की पिच पर हल्की घास है लेकिन वह सिर्फ मिट्टी को बांधने और जरूरी उछाल के लिए छोड़ी गई है। वहां पर इस समय लगातार धूप खिली है और शुक्रवार से मेजबान इंग्लैंड के विरुद्ध शुरू होने वाले पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में बल्लेबाजों को रन बनाने में मदद मिल सकती है। ऐसे में अगर भारतीय टीम को वहां पर जीत हासिल करनी है तो उसका फोकस 20 विकेट लेने पर होना चाहिए।

नए नवेले टेस्ट कप्तान शुभमन गिल और कोच गौतम गंभीर ने अभी अंतिम एकादश की घोषणा नहीं की है लेकिन ऐसा लग रहा है कि टीम तीन आलराउंडर रवींद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर और नीतीश कुमार रेड्डी के साथ उतर सकती है। इतना तय है कि यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ओपनिंग करेंगे और गिल चौथे व उपकप्तान रिषभ पंत पांचवें नंबर पर खेलेंगे। वहां पर हो रहे अभ्यास से मिल रहे संकेतों से पता चलता है कि घरेलू सत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले करुण नायर को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतारा जा सकता है।

ऐसे में साई सुदर्शन को मौका मिलना मुश्किल लग रहा है। छठे, सातवें और आठवें नंबर पर नीतीश, जडेजा और शर्दुल उतरेंगे तो भारत के पास आठ नंबर पर तक बल्लेबाजी हो जाएगी। इसी के साथ उसके पास छह गेंदबाजी विकल्प हो जाएंगे। अगर इनमें से किसी एक को ड्रॉप किया जाता है तो साई को पदार्पण का मौका मिल सकता है। इसके अलावा तीन तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह, प्रसिद्ध कृष्णा और मुहम्मद सिराज होंगे।

एंडरसन के नहीं होने से राहत
गिल की अगुआई वाले अपेक्षाकृत अनुभवहीन भारतीय बल्लेबाजी क्रम को जेम्स एंडरसन का नाम इंग्लैंड की टीम में नहीं देखकर राहत मिली होगी क्योंकि पिछले दो दशक में यह तेज गेंदबाज निरंतर रूप से भारत-इंग्लैंड प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा रहा है। भारत के विरुद्ध 2006 में एंडरसन की पहली सीरीज से लेकर 2024 में आखिरी सीरीज तक इस महान तेज गेंदबाज ने भारतीय बल्लेबाजों को हमेशा परेशान किया। वर्ष 2000 के दशक के अंत में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के साथ उनका संघर्ष बेहतरीन था। पिछले दशक में विराट कोहली के साथ उनका रोमांचक मुकाबला हुआ। कोहली और एंडरसन दोनों अब टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं।

जोफ्रा आर्चर और मार्क वुड चोटिल हैं जिससे इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स लीड्स में गेंदबाजी की शुरुआत के लिए रिकॉर्ड 704 टेस्ट विकेट चटकाने वाले एंडरसन से गेंदबाजी कराने की कल्पना कर सकते हैं। 21 साल के करियर में अपने प्रदर्शन के दम पर एंडरसन ने भारत-इंग्लैंड क्रिकेट इतिहास में खुद को अमर कर लिया है। दोनों टीम के बीच टेस्ट सीरीज की ट्रॉफी को उनका और सचिन तेंदुलकर का नाम दिया गया है। एंडरसन ने तेंदुलकर को टेस्ट क्रिकेट में नौ बार आउट किया है। एंडरसन ना केवल उम्र को चुनौती देते हुए लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते रहे बल्कि उनके करियर की खासियत लगातार सटीक गेंदबाजी और गेंद को दोनों तरफ स्विग करने की क्षमता पर बेहतरीन नियंत्रण रहा।

शुक्रवार को राहुल और जायसवाल की भारतीय प्रारंभिक जोड़ी इस बात से खुश होगी कि उसे नई ड्यूक्स गेंद के साथ एंडरसन का सामना नहीं करना होगा। भारत के विरुद्ध 39 टेस्ट मैच में एंडरसन ने 25.47 की शानदार औसत से 149 विकेट चटकाए। भारत में सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों को संघर्ष करना पड़ा लेकिन एंडरसन ने अपने कौशल की बदौलत विपरीत परिस्थितियों में 17 टेस्ट मैच में 44 विकेट लिए।

रोहित से ज्यादा विराट की कमी खलेगी
पूर्व दिग्गज बल्लेबाज ज्योफ्री बायकाट का मानना है कि भारत को रोहित शर्मा से अधिक विराट कोहली की कमी खलेगी। बायकाट ने 'डेली टेलीग्राफ' में अपने कालम में लिखा, 'विराट और रोहित के संन्यास लेने से भारत की इंग्लैंड को हराने की संभावनाओं को नुकसान पहुंचेगा। कोहली सबसे बड़ा नुकसान हैं क्योंकि वह तीनों प्रारूप में उनके सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे हैं। भारत द्वारा बहुत अधिक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेले जाने और बहुत कम आराम किए जाने के कारण, इसका बहुत असर पड़ता है और दिमाग थक जाता है।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके पास कितनी प्रतिभा या अनुभव है, अगर आप मानसिक रूप से तरोताजा नहीं हैं और चुनौती के लिए तैयार नहीं हैं तो यह थका देने वाला हो जाता है। रोहित एक बेहतरीन बल्लेबाज हैं। अपने सर्वश्रेष्ठ समय में एक बेहतरीन स्ट्रोक खेलने वाले खिलाड़ी लेकिन उन्हें कोहली जितना याद नहीं किया जाएगा क्योंकि उनका टेस्ट रिकार्ड अच्छा था लेकिन असाधारण नहीं। पिछले कुछ वर्षों में उनकी बल्लेबाजी में निरंतरता की कमी रही। रोहित कभी भी कोहली की तरह एक स्वाभाविक एथलीट नहीं थे और उन्हें पता है कि इंग्लैंड में पारी की शुरुआत करना काफी मुश्किल हो सकता है क्योंकि नई गेंद अधिक घूमती है। सफलता हासिल करने के लिए आपको हर तरह की चुनौती के लिए तैयार रहना होता है।'

पूर्व कोच रवि शास्त्री ने दी सलाह
जब भारत ने पिछली बार इंग्लैंड का दौरा किया था तब राहुल ने पारी की शुरुआत की थी, शतक बनाया था और अच्छा दौरा रहा था। इसलिए मैं उनसे पारी की शुरुआत करने की उम्मीद करूंगा। तीसरे नंबर पर मैं युवा खिलाड़ी साई सुदर्शन के साथ जाऊंगा। मैंने उन्हें जितना भी देखा है, वह बहुत प्रभावशाली हैं। यह दौरा उनके लिए अच्छा अनुभव होगा। 23 वर्षीय सुदर्शन शानदार फार्म में हैं, हाल ही में वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सफल प्रदर्शन के बाद एक ही आइपीएल सत्र में 700 रन बनाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने। वर्तमान फार्म के आधार पर करुण नायर ही सबसे बेहतर विकल्प होंगे। मुझे पता है कि शार्दुल और नीतीश रेड्डी के बीच मुकाबला मुश्किल होगा लेकिन आपको देखना होगा कि कौन कितना गेंदबाजी करता है।

मैच के दौरान मिलेगी अच्छी पिच
लीड्स के मैदान प्रमुख रिचर्ड राबिंसन ने कहा कि यहां असामान्य रूप से शुष्क मौसम और इंग्लैंड की आक्रामक खेल शैली ने पहले टेस्ट के लिए 'अच्छी सतह' की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। लीड्स आमतौर पर किसी सीरीज के बीच में टेस्ट मैच की मेजबानी करता है लेकिन यहां शुरुआती मैच के आयोजन ने बहुत अधिक ध्यान आकर्षित किया है।
राबिंसन ने कहा कि इंग्लैंड टीम बस एक अच्छी सतह चाहती है, ताकि हम गेंद की लाइन पर हिट कर सकें। वे यही चाहते हैं। पिच ना केवल इंग्लैंड की बैजबाल शैली (हर हाल में आक्रामक होकर खेलने की शैली) के अनुकूल होगी बल्कि यह अनुभवहीन भारतीय बल्लेबाजी क्रम को भी मुकाबले में बने रहने का अधिक मौका देगी। भारत ने पिछले दो दशक में यहां बहुत अधिक क्रिकेट नहीं खेला है। टीम को 2021 में यहां अपने पिछले मैच में पारी की हार का सामना करना पड़ा था।

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