हर इंसान की कुछ न कुछ इच्छाएं होती हैं. कोई धन चाहता है, कोई नौकरी, कोई संतान सुख, तो कोई मन की शांति. लेकिन इन सबके लिए लोग क्या करते हैं? पूजा-पाठ, व्रत, दान और मंदिर जाना – यह सब बहुत आम है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप सिर्फ अपने घर के मंदिर की दिशा को सही कर दें, तो आपकी इच्छाएं पूरी होने लगती हैं? इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं
बहुत से लोग सुबह उठते ही ईश्वर का नाम लेते हैं, दोपहर को भी मन ही मन कुछ मांगते हैं और रात को सोते समय भी किसी न किसी रूप में परमात्मा से अपनी बातें करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि जो चीज़ आप रोज मांगते हैं, वह आपको मिल क्यों नहीं रही?
मंदिर की दिशा बदल सकती है किस्मत
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में मंदिर रखने की सही दिशा बहुत मायने रखती है. खासतौर पर अगर आप अपनी इच्छाएं जल्दी पूरी करना चाहते हैं, तो मंदिर को पश्चिम की चौथी उपदिशा यानी W4 में रखना बहुत असरदार होता है.
W4 का संबंध सीधे उन भावनाओं से है, जिनमें इंसान कुछ चाहता है, मांगता है और उम्मीद करता है. जब आप इसी दिशा में मंदिर रखते हैं और वहां ईश्वर के सामने प्रार्थना करते हैं, तो आपकी इच्छाएं ब्रह्मांड में एक खास ऊर्जा के साथ फैलती हैं.
क्या होता है जब आप W4 में मंदिर रखते हैं?
जब आप अपने घर की W4 दिशा में मंदिर रखते हैं और उसके सामने बैठकर प्रार्थना करते हैं, तो आप अपनी बात सिर्फ बोलते नहीं, बल्कि अपने अवचेतन मन से ऊर्जा के रूप में उसे बाहर भेजते हैं. यह ऊर्जा सीधी ब्रह्मांड तक जाती है.
आपका मन, शरीर और आस-पास की सारी ऊर्जा एक ही दिशा में काम करने लगती है – आपकी इच्छा पूरी करने के लिए. यही वजह है कि इसे बहुत शक्तिशाली उपाय माना गया है.
कैसे करें मंदिर की स्थापना?
-सबसे पहले घर के नक्शे के अनुसार W4 दिशा को पहचानिए.
-वहां साफ-सुथरी जगह बनाकर लकड़ी या संगमरमर का मंदिर स्थापित करें.
-मंदिर की ऊंचाई ज़मीन से थोड़ी ऊपर रखें और वहां रोज एक दिया जरूर जलाएं.
-वहां बैठकर दिन में कम से कम दो बार प्रार्थना करें – सुबह और रात को.
-जो भी चाहत हो, वह मन से बोलें और यकीन रखें कि वो पूरी होगी.
नतीजा क्या मिलेगा?
अगर आपने यह उपाय सही तरीके से किया, तो आपको न सिर्फ आत्मिक शांति मिलेगी, बल्कि कुछ ही समय में जीवन में नए मौके, सुख और समाधान भी दिखने लगेंगे. कई बार बिना कहे ही ब्रह्मांड आपके मन की बात समझ लेता है, बस तरीका सही होना चाहिए.