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    बागेश्वर धाम में चमकी भक्त की किस्मत, रातों-रात आदिवासी गायक हुए मशहूर, मिला बड़ा ऑफर

    छतरपुर: बाबा बागेश्वर धाम में एक गरीब आदिवासी की किस्मत चमक उठी. यह नजारा तब देखने को मिला जब एक आदिवासी गायक ने बाबा बागेश्वर को भरे पंडाल में गजल-शैली में भजन सुनाया. भजन सुनकर बाबा बागेश्वर गायक अमित के मुरीद हो गए. वहीं, पंडाल में बैठ हजारों भक्तों के बीच जब आदिवासी अमित धुर्वे की सुरीली आवाज गूंजी तो उन्हें नामी म्यूजिक कंपनी से गाने का ऑफर आ गया. इधर बाबा ने भी एक दिन की चढ़ोत्तरी गायक को भरे मंच से सौंप दी.

    चंद घंटों में फेमस हुआ आदिवासी गायक

    धीरेन्द्र शास्त्री इन दिनों धाम पर रहकर माता की भक्ति में लीन हैं. नवरात्रि के अवसर पर भक्तों को माता की महिमा का बखान सुनाते हैं. धाम पर आए भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. 22 सितंबर को भी रोजाना की तरह बाबा का दरबार सजा था, हजारों भक्त पंडाल में बैठकर माता की महिला का अनुसरण कर रहे थे. इसी बीच अमित धुर्वे नामक आदिवासी गायक ने दरबार में भजन की शानदारी प्रस्तुति दी थी, जो चंद घंटों में इतना फेमस हो गया कि उसे नामी म्यूजिक कंपनी से भजन गाने का ऑफर मिल गया.

    नामी म्यूजिक कंपनी से मिला ऑफर

    आदिवासी सेवादार अमित धुर्वे धीरेंद्र शास्त्री के बड़े भक्त हैं. वे पेशे से गायक हैं, वो मंडलियों और पूजा पंडालों आदि में भजन गाकर अपना जीवन यापन करते हैं. उन्होंने शनिवार को बागेश्वर धाम में पंडित धीरेंद्र शास्त्री के सामने भजन की शानदार प्रस्तुति दी. अमित ने जब सुर लगाया तो बागेश्वर बाबा भी दंग रह गए. उनकी गायकी सुनकर पूरा पंडाल भावविभोर हो गया. धीरेंद्र शास्त्री ने उन्हें मंच पर बुलाकर आशीर्वाद दिया. साथ ही एक दिन की पूरी चढ़ोत्तरी देने की बात कही.

    आदिवासी अमित धुर्वे का भजन बागेश्वर धाम के चैनल पर प्रसारित हुआ. उसी क्षण से वह अपनी क्षेत्रीय पहचान से निकलकर पूरे देश में वायरल हो गए. अमित धुर्वे खरगोन जिले के महेश्वर नगर में मां नर्मदा किनारे बसे एक आदिवासी परिवार से आते हैं. पैतृक रूप से उनका परिवार हारमोनियम सुधारने का कार्य करता है, जो दादा के समय से चला आ रहा है.

    छोटे कलाकारों को बाबा ने बढ़ाया आगे

    बागेश्वर धाम के सेवादार कमल अवस्थी बताते हैं "महाराज का उद्देश्य सदैव यही रहा है कि गांव–कस्बों और छोटे क्षेत्रों तक सीमित रहने वाले प्रतिभाशाली कलाकारों को एक विशाल मंच मिले, ताकि उनकी कला देश-विदेश तक पहुंच सके. इसी भाव से बागेश्वर महाराज ने अपने कथा मंच और बागेश्वर धाम के चैनल के माध्यम से ऐसे कलाकारों को लाखों भक्तों तक पहुंचाया है. परिणामस्वरूप अनेक कलाकार आज देश के बड़े-बड़े मंचों पर अपनी वाणी-कला और भजनों से लोगों का मन मोह रहे हैं."

    भजन गाने को बाबा बागेश्वर ने कहा

    कुछ दिनों पहले बाबा बागेश्वर धीरेन्द्र शास्त्री को उनके ही एक सेवादार ने गजल-शैली में भजन गाते हुए अमित धुर्वे की एक रील दिखाई थी. भक्ति से ओत-प्रोत अमित की आवाज सुनकर बागेश्वर महाराज अत्यंत प्रसन्न हुए और तुरंत उसके बारे में जानकारी लेने को कहा. कुछ ही दिनों में महाराज ने स्वयं अमित धुर्वे से बात की और उन्हें नवरात्रि कथा महोत्सव में आमंत्रित किया और जब कथा के मंच पर अमित आदिवासी ने जो समा बांधा वह सब को भा गया.

    ऐसे मिला अमित को ऑफर

    खरगोन के महेश्वर नगर में रहने वाले गायक अमित धुर्वे बताते हैं, "कल तक जिन भजन गाने प्रसारित करने वाले चैनलों को हम मोबाइल में देखा करते थे. उनके अंदर एक आस थी कि कभी हम भी एक दिन बड़े कलाकार बनकर इन चैनलों पर आएंगे. आज बागेश्वर महाराज जी की कृपा से यह संभव हुआ. महाराज की कृपा से बड़े चैनलों से भजन गाने के लिए फोन आ रहे हैं. महाराज ने हमे फोन करके बताया कि 23 सितंबर को एक निजी चैनल के सीईओ ने फोन करने भजन रिकॉर्ड करने की पेशकश की है. वहीं जैसे ही मेरे द्वारा गाया भजन प्रसारित हुआ तो रात से हमारे फोन पर शुभकामनाएं देने वालों की लाइन लगी हुई है.''

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