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    Homeराज्यमध्यप्रदेशप्रदेश में बन सकती है CS एक्सटेंशन की हैट्रिक

    प्रदेश में बन सकती है CS एक्सटेंशन की हैट्रिक

    भोपाल।  मध्य प्रदेश में क्या पहली बार मुख्य सचिवों को एक्सटेंशन देने की हैट्रिक बनने जा रही है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन का कार्यकाल इसी महीने यानी अगस्त में समाप्त होने वाला है। सत्ता के गलियारों में पिछले एक माह से यह सवाल घूम रहा है कि अनुराग जैन एक्सटेंशन मिलेगा या नहीं? यदि उन्हें सेवावृद्धि मिलती है तो प्रदेश के लगभग 69 वर्षों के इतिहास में शायद यह पहला मौका होगा, जब लगातार तीन मुख्य सचिवों को एक्सटेंशन दिया गया। स्वच्छ छवि वाले अनुराग जैन हमेशा अपनी बेहतर कार्यप्रणाली के लिए चर्चा में रहे हैं।

    वीरा राणा और इकबाल बैंस को मिल चुका है एक्सटेंशन

    अनुराग जैन के पहले पूर्व मुख्य सचिव वीरा राणा और इकबाल सिंह बैंस को एक्सटेंशन मिल चुका है। वीरा राणा की सेवावृद्धि डॉ. मोहन यादव की सरकार ने की थी वहीं, इकबाल को एक्सटेंशन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया था। हालांकि मंत्रालय में इस बात की चर्चा है कि अगर अनुराग जैन को एक्सटेंशन नहीं मिलता है तो ऐसी स्थिति में वह रिटायर हो जाएंगे और इसके बाद कई अधिकारी मुख्य सचिव बनने की रेस में है।

    राजेश राजौरा समेत 3 IAS अधिकारी रेस में

    मुख्य सचिव बनने के लिए प्रबल दावेदार अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉक्टर राजेश राजौरा है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर फिलहाल अल्का उपाध्याय हैं, इसलिए उनकी प्रबल संभावना कम है। इसके बाद अशोक वर्णवाल हैं, पिछले दिनों राजेश राजौरा को मुख्यमंत्री कार्यालय से मुक्त किया गया है। वह जल संसाधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं, अगर अनुराग जैन को एक्सटेंशन नहीं मिलता है तो यह तय माना जा रहा है कि डॉ. राजेश राजौरा मध्य प्रदेश के अगले मुख्य सचिव हो सकते हैं।

    शिवराज सिंह चौहान ने तीन सीएस को दी थी सेवावृद्धि

    दरअसल मुख्य सचिवों को एक्सटेंशन के मामले में शिवराज कुछ ज्यादा ही दिलदार थे। उनके कार्यकाल के दौरान जितने भी मुख्य सचिव रहे उन्हें या तो एक्सटेंशन दिया गया या तत्काल कोई बड़ी जिम्मेदारी दी गई। उनके कार्यकाल के दौरान सात मुख्य सचिव रहे और उनमें से केवल अवनि वैश्य ही ऐसे रहे जिन्हें रिटायरमेंट के बाद न ही एक्सटेंशन दिया गया और न ही कोई पद. दरअसल आजकल मुख्य सचिवों का एक्सटेंशन देशभर में एक नॉर्मल प्रक्रिया बन गई है। हाल ही में केंद्र सरकार ने हरियाणा के मुख्य सचिव को एक वर्ष का और पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को 3 माह का एक्सटेंशन दिया है। हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को एक्सटेंशन नहीं दिया गया। मंत्रालय सूत्रों के अनुसार, अभी तक प्रदेश की ओर से एक्सटेंशन का कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार को नहीं भेजा गया है, लेकिन मुख्य सचिव के करीबियों का दावा है कि जैन को अपनी प्रतिनियुक्ति के दौरान किए गए कामों का परिणाम अवश्य मिलेगा। माना जा रहा है कि दिल्ली वालों के हस्तक्षेप से टाइम पर वे मुख्य सचिव बने थे।

    पहला एक्सटेंशन वर्ष 1991 में दिया गया था

    प्रदेश में पहला एक्सटेंशन 1991 में और दूसरा 2013 में दिया गया। मतलब प्रदेश बनने के 35 वर्षों बाद पहली बार किसी मुख्य सचिव को सेवावृद्धि दी गई और दूसरे एक्सटेंशन के लिए 22 वर्षों का इंतजार हुआ। पिछले बारह वर्षों में तीन अधिकारियों को एक्सटेंशन दिया गया है। यह भी दिलचस्प है कि प्रदेश में सारे एक्सटेंशन भाजपा के मुख्यमंत्रियों ने ही दिए, कांग्रेस सरकार के दौरान रिटायरमेंट के बाद उन्हें कोई पद दे दिया जाता था।

    मुख्यमंत्री की पसंद एसीएस राजौरा

    डॉ राजेश राजौरा मुख्यमंत्री की पहली पसंद है। हालांकि वह मुख्यमंत्री कार्यालय में काम करके मुख्यमंत्री की छवि और उनके मिशन के बारे में बेहतर पता है। कई अहम विभागों की जिम्मेदारी संभालने के साथ-साथ राजौरा कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं। साथ ही उज्जैन के कलेक्टर भी रहते हुए सिंहस्थ की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

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