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    Homeराज्यमध्यप्रदेशगाली या गांजा? अतिक्रमण को लेकर भिड़े अफसर, आखिर चला बुलडोजर

    गाली या गांजा? अतिक्रमण को लेकर भिड़े अफसर, आखिर चला बुलडोजर

    शाजापुर: जिला अस्पताल परिसर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर शनिवार को डॉक्टर और तहसीलदार के बीच विवाद हो गया था। मामला यहां तक बढ़ा था कि डाक्टरों ने अस्पताल में काम बंद कर धरना शुरू कर दिया था। वहीं तहसील कार्यालय में राजस्व अधिकारी और पटवारी भी तहसीलदार के समर्थन में धरने पर बैठ गये थे। विवाद के तीन दिन बाद मंगलवार को उस अतिक्रमण को जेसीबी से हटा दिया गया।

    साथ खड़े रहे तहसीलदार और डॉक्टर

    इस दौरान तहसीलदार और डॉक्टर मौके पर साथ खड़े रहे। कार्रवाई के दौरान एसडीएम मनीषा वास्कले, डिप्टी कलेक्टर राजकुमार हलधर, सिविल सर्जन डॉ. बीएस मैना भी मौजूद रहे। इस दौरान अस्पताल में दोनों पक्ष साथ भी बैठे और विवाद मन-मुटाव खत्म करने पर सहमति बनी।

    वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में सुलह

    एसडीएम मनीषा वास्कले और सिविल सर्जन डा. बीएस मैना ने कहा कि दोनों पक्षों ने वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में आपसी चर्चा की। जिससे विवाद लगभग खत्म हो गया है। आगे फिर कभी ऐसी स्थिति न बने। इसे लेकर भी ध्यान रखा जाएगा। जानकारी अनुसार विवाद निपटाने में एसडीएम वास्कले, डिप्टी कलेक्टर हलधर की मुख्य भूमिका रही। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जिला प्रशासन के संयुक्त दल द्वारा की गई। जिसमें जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर की शासकीय भूमि पर से अवैध अतिक्रमण हटाया गया।

    बीएस मैना को सौंपा गया कब्जा

    ट्रॉमा सेंटर की भूमि पर कब्जा कर निर्मित की गई अवैध झोपड़ी व बगिया को बुलडोजर से तहस-नहस किया गया। यह भूमि पर चिकित्सालय की पार्किंग के लिए प्रस्तावित है, जिसे अतिक्रमण से मुक्त कर कब्जा सिविल सर्जन डा. बीएस मैना को सौंपा गया।

    कलेक्टर को मिली थी शिकायत

    उल्लेखनीय है कि कलेक्टर ऋजु बाफना को शिकायत मिली थी कि इस स्थान पर मंदिर के पीछे असामाजिक तत्वों द्वारा नशीले पदार्थों का सेवन किया जाता है। इसके अलावा चिकित्सालय परिसर में अवैधानिक कृत्य किए जाते हैं। इसे हटाने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा कलेक्टर को आवेदन दिया गया था। जिस पर संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई की गई।

    कार्रवाई के दौरान ये लोग रहे मौजूद

    कार्रवाई के दौरान एसडीएम मनीषा वास्कले, डिप्टी कलेक्टर राजकुमार हलदर, तहसीलदार सुनील पाटिल, नायब तहसीलदार गौरव पोरवाल, सिविल सर्जन डा. बीएस मैना, डा. एसडी जायसवाल, डा. आलोक सक्सेना, डा. दीपक पाटीदार, डा. गोविंद पाटीदार सहित पटवारियों का दल, पुलिस बल आदि मौके पर उपस्थित रहा।

    तहसीलदार और डाक्टर में जमकर हुआ था विवाद

    इसी अतिक्रमण को लेकर शनिवार को तहसीलदार सुनील पाटिल और डाक्टर गोविंद पाटीदार (आरएमओ) के भिड़ंत हो गई थी। डाक्टरों ने तहसीलदार पाटील पर गाली -गलौज कर धमकी देने का आरोप लगाया था। अस्पताल की ओपीडी में काम बंद कर धरना प्रदर्शन किया था। तहसीलदार पाटील ने अस्पताल में अतिक्रमण वाली जगह पर गांजे के पौधे लगे मिलने की बात कही थी। साथ ही कहा था कि हम अतिक्रमण हटाने गए थे, सिविल सर्जन को फोन किया, उन्होंने रिसीव नही किया। कुछ देर बाद कुछ लोग जींस-टीशर्ट में आए और वीडियो बनाते हुए कार्रवाई में बाधा डालने लगे। अस्पताल परिसर में जिस जगह से अतिक्रमण हटना था। विवाद जैसी कोई बात नही थी।

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