नई दिल्ली । ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मंगलवार को कहा कि पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) के बाद पाकिस्तान (Pakistan) को करारा जवाब देने का सुनहरा अवसर था, लेकिन केंद्र सरकार ने कार्रवाई रोककर राष्ट्र की भावनाओं की अनदेखी की। पुणे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ओवैसी ने कहा, “एक भारतीय होने के नाते मैं कहना चाहता हूं कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को जवाब देने का मौका था। मैं हैरान हूं कि सरकार ने क्यों रोक दिया। पूरे देश का माहौल तैयार था, लेकिन कार्रवाई रोक दी गई। ऐसे अवसर बार-बार नहीं आते।”
एक सवाल पर कि अगर वह प्रधानमंत्री होते तो क्या करते ओवैसी ने कहा कि उन्हें ऐसे काल्पनिक सवालों में दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं वास्तविकता पर ध्यान देता हूं और अपनी सीमाएं जानता हूँ। मेरा लक्ष्य सिर्फ प्रधानमंत्री या मंत्री बनना नहीं है।”
पाकिस्तान पर सख्त रुख की मांग
ओवैसी ने दावा किया कि पाकिस्तान की ओर से गुजरात से लेकर कश्मीर तक ड्रोन गतिविधियां देखी गईं, जिससे युद्ध जैसे हालात थे। उन्होंने कहा, “ऐसे समय सरकार को पीछे नहीं हटना चाहिए था। अब संसद में बैठकर पीओके हासिल करने की बात करते हैं।”
गौरतलब है कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन सिंदूर को समाप्त नहीं बल्कि विराम दिया गया है। यह अभियान 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। भारत ने जवाबी कार्रवाई में आतंकियों के ठिकानों और हवाई ठिकानों को निशाना बनाया था।
ओवैसी ने एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान पाकिस्तान को लेकर केंद्र की नीति की भी आलोचना की। साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र में आगामी नगर निकाय चुनाव लड़ने का ऐलान किया।