More
    Homeदुनियाबिल C-3: प्रवासी भारतीयों पर पड़ेगा असर, कनाडा में नागरिकता के नियम...

    बिल C-3: प्रवासी भारतीयों पर पड़ेगा असर, कनाडा में नागरिकता के नियम सख्त

    कनाडा की सरकार नागरिकता कानून में नया और एक बड़ा बदलाव करने वाली है। इसके लिए वहां की सरकार ने C-3 नाम का एक नया विधेयक संसद में पेश किया है। इस बिल के मुताबिक, अब कनाडा में जनमें बच्चों को वहां की नागरिकता नहीं मिल सकेगी। यह नया विधेयक कनाडा के नागरिकता कानून को और सख्त बना सकता है। यह विधेयक मौजूदा वंशानुक्रम आधारित नागरिकता प्रणाली में बड़ा बदलाव करता है। अब अगर कोई कनाडाई नागरिक विदेश में अपने बच्चे को जन्म देता है या गोद लेता है, तो वह उसे सीधे तौर पर नागरिकता नहीं दे सकेगा जब तक कि उसने खुद कनाडा में कम से कम तीन साल (1,095 दिन) की शारीरिक उपस्थिति न दिखाई हो।

    नया नागरिकता विधेयक Bill C-3
    वर्तमान में,2009 से लागू नियमों के तहत केवल पहली पीढ़ी तक वंश आधारित नागरिकता सीमित है। लेकिन नए बिल में उस सीमा को फिर से परिभाषित करते हुए यह सुनिश्चित किया गया है कि सिर्फ कनाडाई होना अब विदेश में जन्मे बच्चे के लिए नागरिकता पाने की गारंटी नहीं होगा। अब देश से मजबूत संबंध साबित करना आवश्यक होगा।

    प्रवासियों और NRI पर पड़ेगा असर
    इस नए कानून का असर विशेषकर उन प्रवासियों और एनआरआई समुदाय पर पड़ेगा, जो कनाडा के नागरिक तो हैं लेकिन विदेशों में रहते हैं या उनके बच्चे विदेशों में जन्म ले रहे हैं।
    भारत जैसे देशों के प्रवासियों को अब अपने बच्चों को कनाडाई नागरिकता दिलाने के लिए पहले खुद को कनाडा में कम से कम तीन साल तक रहना होगा।

    कनाडा के इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप विभाग (IRCC) के मुताबिक, वंश द्वारा नागरिकता की पहली पीढ़ी की सीमा अब कनाडाई परिवारों के वैश्विक जीवनशैली को नहीं दर्शाती। यह विधेयक इस “अन्याय” को दूर करने के लिए लाया गया है, ताकि नागरिकता प्रणाली और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष हो सके।

    IRCC क्या कहता है?
    बिल C-3 अभी विधायी समीक्षा प्रक्रिया से गुजर रहा है। इसे कानून बनने के लिए संसद के दोनों सदनों से पारित होना होगा और शाही स्वीकृति प्राप्त करनी होगी। IRCC का कहना है कि यदि यह विधेयक पारित होता है, तो इसके प्रावधानों को जल्द से जल्द लागू किया जाएगा।

    अमेरिका के बाद कनाडा भी बढ़ा रहा भारतीयों की मुश्किलें
    जहां अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने आव्रजन कानूनों को सख्त किया है, वहीं कनाडा में यह बदलाव ज्यादा संरचित और पारिवारिक संबंधों को महत्व देने वाला माना जा रहा है। इससे अमेरिका की तुलना में कनाडा अप्रवासियों के लिए अधिक अनुकूल विकल्प बन सकता है। कनाडा का नया नागरिकता कानून देश और प्रवासियों के बीच रिश्ते को पुनर्परिभाषित करने की ओर एक बड़ा कदम है। अब नागरिकता केवल जन्म पर नहीं, बल्कि कनाडा से वास्तविक संबंधों पर आधारित होगी। भारतीय मूल के लोगों समेत सभी प्रवासियों को इसके प्रभाव को समझकर आगे की योजना बनानी होगी।

    latest articles

    explore more

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here