पट्टा जारी करने की प्रक्रिया होगी ऑनलाइन, आवेदक को 30 दिन में मिल जाएगा पट्टा

जयपुर. नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि पट्टा जारी करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर आवेदक को 30 दिन में पट्टा देना सुनिश्चित किया जाएगा। सफाईकर्मी भर्ती को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाएगा। राज्य के प्रमुख शहरों में इसी वर्ष से 500 ई-बसें संचालित की जाएंगी।

झाबर सिंह खर्रा शुक्रवार को विधानसभा में नगरीय विकास एवं आवासन विभाग (मांग संख्या-39) एवं स्वायत्त शासन विभाग (मांग संख्या-40) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने नगरीय विकास एवं आवासन विभाग की 89 करोड़ 7 लाख 12 हजार रुपए एवं स्वायत्त शासन विभाग की 1 खरब 23 अरब 66 करोड़ 97 लाख 92 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।

नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन राज्य मंत्री ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों के सुझावों को शामिल करते हुए पट्टा जारी करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर पूर्ण पारदर्शी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पट्टे के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया आरंभ की जाएगी, जिसमें संबंधित निकाय आवेदन के 30 दिन के भीतर आवेदक को पट्टा जारी करेगा या निरस्त करेगा। उन्होंने कहा कि आवेदन में कोई कमी-खामी होने पर नगरीय निकाय एक सप्ताह की अवधि में उसकी जानकारी आवेदक को देगा। पट्टा निरस्त होने की स्थिति में आवेदक प्रशासनिक अधिकारियों की समिति के समक्ष पुनः आवेदन कर सकेगा। अगर गलत तरीके से पट्टा निरस्त करना पाया जाता है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

सफाईकर्मी भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता

खर्रा ने सफाईकर्मी भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने पर जोर देते हुए कहा कि पूर्व में सफाईकर्मी भर्ती में नगरीय निकायों में दो वर्ष कार्य अनुभव का प्रावधान था, जिसे बाद में एक वर्ष कर दिया गया। तत्पश्चात् निजी संस्थाओं के अनुभव को भी इसमें शामिल कर लिया गया, जिससे यह प्रक्रिया दूषित हो गई। अब सभी के सकारात्मक सुझावों को शामिल कर सफाईकर्मी भर्ती को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि विभाग से सम्बन्धित नियम-कानूनों में कोई खामी है तो उन्हें संशोधन कर दुरूस्त किया जाएगा। नगरीय निकायों की टाउनशिप पॉलिसीज को बदलकर इन्हें और बेहतर बनाया जाएगा। नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन राज्य मंत्री ने कहा कि जमीन अधिग्रहण के मामलों में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अंतिम रूप से जमीन जिसके नाम थी, उसे मुआवजा मिले। वहीं यूडी टैक्स के सरलीकरण का भी प्रयास किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न राज्यों के यूडी टैक्स मॉडल का अध्ययन करने के लिए विभागीय अधिकारियों की टीम इन राज्यों के दौरे पर भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि जवाहर नगर कच्ची बस्ती को फॉरेस्ट डिनोटिफाई कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

एक ही शाखा में तीन वर्ष कार्यरत है तो होगा तबादला

नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन राज्य मंत्री ने कहा कि विभाग में कोई भी कर्मचारी यदि तीन वर्ष से अधिक अवधि से एक ही शाखा में कार्यरत है तो उसका दूसरी शाखा में तबादला किया जाएगा। साथ ही, यदि कोई अधिकारी-कर्मचारी 5 वर्ष से अधिक समय से विभाग में प्रतिनियुक्ति पर है तो उसे मूल विभाग में भेजा जाएगा। खर्रा ने कहा कि तथ्यात्मक शिकायतें प्राप्त होने पर उनकी निष्पक्ष जांच करवाकर दोषी कार्मिकों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि नगर निकायों की भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत प्राप्त होने पर उसे अतिक्रमण मुक्त करवाने का प्रयास किया जाता है। हाल ही में नागौर में आवासन मंडल की 30 बीघा जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया है। उन्होंने कहा कि नगर निकायों की एक इंच भूमि भी अतिक्रमियों के कब्जे में नहीं रहने दी जाएगी।

30 हजार 408 प्रधानमंत्री आवास किए स्वीकृत

खर्रा ने कहा कि विभाग ने विगत सात महीनों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है। इस अवधि में 30 हजार 408 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गए हैं। साथ ही, पुरानी स्वीकृतियों को मिलाकर कुल 43 हजार 141 आवासों का निर्माण प्रारम्भ करवाया गया है तथा 18 हजार 673 आवास पूर्ण कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि 434 करोड़ की केन्द्रीय अनुदान राशि भारत सरकार से प्राप्त कर 378 करोड़ रुपए लाभार्थियों को वितरित कर दी गई है। वहीं, राज्य के प्रमुख शहरों में 500 ई-बसें संचालित किए जाने का निर्णय लिया गया है, जो इसी वर्ष शुरू हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि अमृत-1.0 योजना के तहत 3 शहरों में 206 करोड़ रुपए के 3 सीवरेज कार्य पूरे किए जा चुके हैं तथा 888 करोड़ रुपए के 10 कार्य किये जा रहे हैं। साथ ही, 205 करोड़ रुपये के जलापूर्ति के 4 कार्य प्रगतिरत हैं।

29 शहरों में 715 किलोमीटर डाली सीवर लाइन

नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन राज्य मंत्री ने बताया कि अमृत-2.0 योजना के अंतर्गत 29 शहरों में कुल 715 किलोमीटर सीवर लाइन डाली गई है, 12 हजार सीवर कनेक्शन दिये गए हैं तथा 31 एसटीपी के कार्य किये जाए रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) – 2.0 योजना के अंतर्गत 134 नगरीय निकायों में 458 करोड़ रुपये के सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट के कार्यादेश जारी कर दिये गए हैं। योजना के अंतर्गत एक लाख से कम आबादी वाले 58 शहरों में एसटीपी के निर्माण की डीपीआर के कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं। वहीं, सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट के लिए 23 नगरीय निकायों में भूमि का आवंटन व 15 नगरीय निकायों में भूमि चिह्नीकरण किया जा चुका है तथा 14 नगरीय निकायों में भूमि का चिह्नीकरण प्रक्रियाधीन है। 17 शहरी क्षेत्रों में प्रमुख सड़कों की मरम्मत एवं उन्नयन के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। साथ ही, जयपुर में सेक्टर सड़कों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here